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भारत में केंद्र सरकार द्वारा पोषित विभिन्न राज्यों में कुल 56 सेंट्रल यूनिवर्सिटी हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नालंदा यूनिवर्सिटी सहित देश के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों का नाम इस सूची में शामिल है। कुछ वर्ष पहले सरकार द्वारा उपरोक्त तमाम सेंट्रल यूनिवर्सिटी में स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए एक ही प्रवेश जांच परीक्षा की व्यवस्था कर दी गई है, जिसे सीयूईटी-यूजी यानी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (अंडरग्रेजुएट) कहा जाता है। हाइब्रिड मोड यानी कंप्यूटर बेस्ड और पेन-पेपर दोनों प्रकार से ली जाने वाली इस परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन मार्च के अंतिम सप्ताह तक स्वीकार किया जाता है। इस बार यह परीक्षा देश के अतिरिक्त 50 से अधिक विदेशों में भी संचालित होगी। आवेदन के बाद मई माह में परीक्षा संचालित होगी। जून अंत तक नतीजा और फिर कट ऑफ के आधार पर कॉलेजों में नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट cuetug.ntaonline.in देखें।
● मैं इस वर्ष इतिहास से ग्रेजुएशन पूरी करूंगा। आगे मुझे इसी विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन करना चाहिए या आर्कियोलॉजी से? किस क्षेत्र में करियर बेहतर रहेगा? -नंदू प्रकाश
इतिहास विषय से ग्रेजुएशन के बाद इतिहास में एमए और आर्कियोलॉजी में एमए, इन दोनों पाठ्यक्रमों के अपने अपने फायदे हैं। आपको अपनी क्षमता और दक्षता का आकलन करना होगा। अधिकांश सभी विश्वविद्यालयों में इतिहास के स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम कराए जाते हैं, इस लिहाज से एमए इन हिस्ट्री के बाद आप यूजीसी नेट या पीएचडी कर असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर करियर बना सकते हैं, वहीं एमए इन आर्कियोलॉजी उत्तीर्ण छात्रों के लिए भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा विभिन्न पदों पर नियुक्ति की जाती है। एक आर्कियोलॉजिस्ट का काम पुराने तत्वों, पांडुलिपियों एवं खोज का अध्ययन करना व उसका दस्तावेज तैयार करना है। ऐसे विशेषज्ञों के लिए देश और विदेश दोनों जगह काम के मौके हैं।