
[ad_1]
ऐप पर पढ़ें
CUET Scorecard: विश्वविद्यालयों के स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले को लेकर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) सीयूईटी परिणाम जारी कर चुकी है। स्कोर कार्ड को लेकर छात्रों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इसमें प्रतिशत और सामान्यीकृत स्कोर दिया गया है। हालांकि दिल्ली विश्वविद्यालय में एक कॉलेज के प्रधानाचार्य ने इस संबंध में कहा कि छात्रों को स्कोर कार्ड को लेकर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। विश्वविद्यालय द्वारा ही सब कुछ निर्धारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रों ने आवेदन के दौरान पाठ्यक्रम और कॉलेज के संबंध में जो सूचना भरी होगी, उसके आधार पर स्कोर कार्ड के अंकों के अनुसार दाखिले के लिए सीट मिलेगी। दरअसल, छात्रों के बीच प्रतिशत और सामान्यीकृत स्कोर को लेकर भ्रम है कि उन्हें किस आधार पर दाखिला मिलेगा। सामान्यीकृत अंक किसी को मिलने वाले अंकों के सामान होते हैं। जबकि प्रतिशत छात्रों के बीच एक छात्र की स्थिति को दर्शाता है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी उम्मीदवार का 95 प्रतिशत है तो इसका मतलब यह होगा कि 95 लोग ऐसे हैं, जिन्हें उस उम्मीदवार से कम अंक मिले हैं। उम्मीदवार को 100 में से 62 अंक मिले होंगे और उसका परसेंटाइल 95 हो सकता है। छात्र अलग-अलग पाली में एक विषय के लिए अलग-अलग प्रश्नों का जवाब देते हैं।
सामान्यीकृत स्कोर पर प्राथमिकता मिलेगी
एनटीए सम-पर्सेंटाइल पद्धति का उपयोग करता है। इसमें एक ही विषय के लिए कई दिनों के दिए गए सत्र में छात्रों के प्रत्येक समूह के प्रतिशत का उपयोग कर प्रत्येक उम्मीदवार के सामान्यीकृत अंकों की गणना करता है। हालांकि विश्वविद्यालय में सामान्यीकृत स्कोर के आधार पर दाखिले को प्राथमिकता मिलेगी।
[ad_2]
Source link