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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पदभार संभालने के करीब 10 महीने बाद पार्टी कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का पुनर्गठन किया, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को तरजीह दी गई है. हालांकि, सचिन पायलट, शशि थरूर और कई अन्य नेताओं को पार्टी की इस सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई में पहली बार जगह मिली है. इस कार्य समिति में खरगे के साथ पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं. पार्टी शासित किसी राज्य के मुख्यमंत्री को इसमें स्थान नहीं दिया गया है.
कांग्रेस ने इस साल फरवरी में रायपुर के महाधिवेशन में अपने संविधान में संशोधन किया था जिसके अनुसार, कार्यसमिति के सदस्यों की संख्या 23 से बढ़ाकर 35 कर दी गई थी. कांग्रेस कार्य समिति में 39 सदस्य, 32 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 13 विशेष आमंत्रित सदस्य (चार पदेन सदस्यों समेत) शामिल किए गए हैं. कांग्रेस के चारों अग्रिम संगठनों-युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस और सेवा दल के प्रमुख कार्यसमिति में पदेन सदस्य होते हैं.
कांग्रेस ने उदयपुर के अपने ‘चिंतन शिविर’ और रायपुर के महाधिवेशन में भले ही संगठन के सभी स्तरों पर 50 प्रतिशत स्थान 50 साल से कम उम्र के नेताओं को देने (50 अंडर 50) के फार्मूले की बात की हो, लेकिन इस कार्य समिति में जिन 39 सदस्यों को शामिल किया गया, उनमें सिर्फ तीन नेता ही 50 वर्ष से कम उम्र के हैं. ये पायलट, गौरव गोगोई और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं विधायक कमलेश्वर पटेल हैं. जहां पायलट 46 वर्ष के हैं, वहीं गौरव गोगोई 43 और कमलेश्वर पटेल 49 साल के हैं. कार्य समिति में शामिल प्रमुख चेहरा राहुल गांधी 53 साल के हैं, तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा 51 साल की हैं. पार्टी ने अपनी कार्यसमिति में हमेशा की तरह वरिष्ठ नेताओं को तरजीह दी है. इसमें शामिल पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उम्र 90 साल है, तो वरिष्ठ नेता एके एंटनी 82, अंबिका सोनी 80 और मीरा कुमार 78 साल की हैं. पार्टी अध्यक्ष खरगे खुद 81 साल के हैं, जबकि कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी 76 वर्ष की हैं.
कार्यसमिति में कुल 15 महिलाओं को स्थान मिला है. सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, कुमारी सैलजा, अंबिका सोनी, मीरा कुमार और दीपा दासमुंशी को बतौर सदस्य इस नई कार्यसमिति में शामिल किया गया है. प्रतिभा सिंह, मीनाक्षी नटराजन, फूलो देवी नेताम और रजनी पाटिल स्थायी आमंत्रित सदस्य होंगी. यशोमती ठाकुर, सुप्रिया श्रीनेत, परिनीति शिंदे, अलका लांबा और नेटा डिसूजा कार्य समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाई गई हैं.
पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, वरिष्ठ नेता मीरा कुमार और कुमारी सैलजा कांग्रेस की कार्य समिति में प्रमुख दलित चेहरे हैं. कांग्रेस कार्य समिति के 39 सदस्यों में मुस्लिम समुदाय से तारिक अनवर, सलमान खुर्शीद, गुलाम अहमद मीर और सैयद नासिर हुसैन शामिल हैं. कार्य समिति में शामिल आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और थरूर कभी उस ‘जी 23’ समूह का हिस्सा थे, जिसने लगभग तीन साल पहले सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे.
कार्यसमिति में इस बार कांग्रेस शासित किसी राज्य के मुख्यमंत्री को शामिल नहीं किया गया है. पहले सामान्यत: कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में से वरिष्ठ नेताओं को कार्य समिति समिति में स्थान दिया जाता रहा है. मौजूदा समय में कांग्रेस की चार राज्यों कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में सरकारें हैं. इनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की गिनती पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में होती है.
80 लोकसभा सीटों वाले यूपी के सिर्फ तीन नेताओं को जगह दी गई है. राज्यसभा में कांग्रेस उपनेता और यूपी में पार्टी का ब्राह्मण चेहरा प्रमोद तिवारी को नहीं कार्यसमिति में जगह नहीं दी गई है. दलित समुदाय से आने वाले पीएल पुनिया और पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले अजय कुमार लल्लू को कार्यसमिति में जगह नहीं मिली है. पार्टी ने यूपी से सलमान खुर्शीद, सुप्रिया श्रीनेत और हिमाचल के प्रभारी होने के नाते राजीव शुक्ला को स्थान मिला है.
उत्तराखंड से हरीश को स्थायी आमंत्रित सदस्य और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में जगह दी गई है. देवेंद्र यादव को उत्तराखंड का प्रभारी होने के नाते कार्यसमिति में शमिल किया गया है. पिछली कार्यसमिति में सिर्फ रावत को जगह मिली थी जो कुमांऊ मंडल से आते हैं. इस बार पार्टी ने रावत कैंप में गोदियाल को भी कार्यसमिति में जगह दी है जो गढ़वाल मंडल से आते हैं.
पंजाब में कांग्रेस भले ही चुनाव हार गई हो लेकिन कार्यसमिति में पार्टी ने 4 चेहरों को शामिल किया है. इसमें भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया है. अंबिका सोनी को नियमित रूप से कमटी का हिस्सा बनाया गया है. वहीं केंद्रीय मंत्री रह चुके मनीष तिवारी को भी कार्यसमिति काय स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाया गया है.
बिहार से पार्टी ने अपने दो पुराने और वफादार चेहरों को फिर से कार्यसमिति में जगह दी है. इसमें मीरा कुमार और अतीक अनवर के नाम शामिल हैं. पार्टी ने दोनों को बतौर सदस्य कार्यसमिति में शामिल किया है. कांग्रेस ने कन्हैया कुमार भी कार्यसमिति में जगह दी है. वर्ष 2021 में सीपीआई का साथ छोड़कर कन्हैया कुमार ने पार्टी की सदस्यता ली थी.
दिल्ली से पार्टी ने अजय माकन का इस बार भी कद बरकरार रखा है. वहीं पार्टी ने पहली बार अलका लांबा को कार्यसमिति में पहली बार जिम्मेदारी दी है. वहीं पार्टी ने संदीप दीक्षित, जगदीश टाइटलर, कृष्णा तीरथ, अरविंद सिंह लवली जैसे नेताओं को कार्यसमिति में कोई जगह नहीं दी है. पार्टी ने पूर्व सांसद जयप्रकाश अग्रवाल को मध्य प्रदेश का प्रभारी बनाया था तो सीडब्ल्यूसी में जगह दी थी जब इनसे पहली जिम्मेदारी ली गई तो दूसरे पद से भी अलग कर दिया गया.
कांग्रेस वर्किंग कमेटी में हरियाणा से तीन नेताओं को जगह मिली है, जिसमें रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुमारी सैलजा और दीपेंद्र हुड्डा को शामिल किया गया है. पार्टी ने हालही में सुरजेवाला को कर्नाटक की जिम्मेदारी सौंपी है जबकि सैलजा के पास छत्तीसगढ़ का प्रभार है. सुरजेवाला और हुड्डा को 18 आमंत्रित सदस्यों की सूची में शामिल किया गया है.
हिमाचल में कांग्रेस ने कार्यसमिति में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के परिवार को जगह दी है. पार्टी ने उनकी पत्नी और मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह को आमंत्रित सदस्य शामिल किया है. वहीं पार्टी ने आनंद शर्मा को भी वर्किंग कमेटी का सदस्य बनाया है, जबकि वह पहले पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े कर चुके हैं.
राजस्थान के सता नेताओं को कार्यसमिति में शामिल किया गया है, जिसमें सचिन पायलट, अभिषेक मनु सिंघवी, महेंद्रजीत मालवीय, जितेंद्र सिंह, हरीश चौधरी, पवन खेड़ा और मोहन प्रकाश को कार्य समिति का हिस्सा बनाया गया है.
मध्य प्रदेश से दिग्विजय सिंह, कमलेश्वर पटेल और मीनाक्षी नटराजन तथा छत्तीसगढ़ से ताम्रध्वज साहू और फूलो देवी नेताम को कार्य समिति में स्थान दिया गया है. कार्यसमिति की बैठक में चौकाने वाला नाम कमलेश्वर पटेल का है जो विंध्य के रहने वाले हैं. कमलेश्वर पिछड़ा वर्ग के नेता हैं. मंदसौर से पूर्व सांसद रही मीनाक्षी नटराजन को स्थायी समिति का सदस्य बनाया गया है. वहीं झारखंड से कार्यसमिति में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा अजय कुमार को जगह दी गई है.
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FIRST PUBLISHED : August 21, 2023, 13:14 IST
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