First Dengue Vaccine: भारत में गर्मियों की शुरुआत होते ही कई बीमारियां अपने पैर पसारना शुरू कर देती हैं. इनमें कई बीमारियां मच्छरों और वायरस से जुड़ी होती हैं. इनमें कुछ बीमारियां ऐसी भी हैं, जो मरीज की जान तक ले लेते हैं. डेंगू (Dengue) भी ऐसी ही एक बीमारी है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के मुताबिक, डेंगू वायरस से दुनियाभर में लोग बीमार हो रहे हैं. बड़ी संख्या में इनमें से गंभीर मरीजों की मौत हो जाती है. अकेले भारत में ही डेंगू से हर साल 2.5 लाख लोग बीमार पड़ते हैं. अब पुणे की दवा निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) डेंगू के खिलाफ देश की पहली वैक्सीन बनाने के करीब पहुंच गई है.
आईसीएमआर के बुलावे पर दवा निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और पैनेसिया बायोटेक ने डेंगू के खिलाफ वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल्स के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के लिए आवेदन किया है. भारतीय निर्माताओं द्वारा विकसित टेट्रावेलेंट डेंगू वैक्सीन कैंडीडेट की सुरक्षा और प्रतिरक्षण क्षमता के साथ ही उसके असर के मूल्यांकन के लिए तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल किए जा रहे हैं. एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि वयस्कों के लिए डेंगू वैक्सीन का ट्रायल इसी साल अगस्त से शुरू हो जाएगा.
ये भी पढ़ें – Explainer: क्या गहरी नींद में सीखी जा सकती हैं नई चीजें, क्या कहता है विज्ञान?
अकेले भारत में ही डेंगू वायरस के 2 से 2.5 लाख मामले हर साल सामने आते हैं.
डेंगू वायरस के कितने मरीज हो पाते हैं ठीक
आईसीएमआर के मुताबिक, डेंगू वायरस दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोगों को बीमार कर रहा है. इनमें से बहुत से गंभीर मरीजों की मृत्यु भी हो जाती है. अकेले भारत में ही डेंगू वायरस के 2 से 2.5 लाख मामले हर साल सामने आते हैं. दुनियाभर में डेंगू वायरस के मरीजों की संख्या में नाटकीय वृद्धि हुई है. दुनिया की लगभग आधी आबादी डेंगू वायरस के जोखिम में है. एक अनुमान के मुताबिक, दुनियाभर में हर साल 10 से 40 करोड़ लोग संक्रमण का शिकार होते हैं. इनमें से 80 फीसदी मरीज इलाज से ठीक हो जाते हैं.
ICMR ने क्यों बताई वैक्सीन की जरूरत
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने 2019 में शीर्ष दस वैश्विक स्वास्थ्य खतरों में से एक के तौर पर डेंगू की पहचान की थी. अब तक डेंगू/गंभीर डेंगू के लिए कोई विशेष उपचार (Treatment of Dengue) नहीं बनाया गया है. आईसीएमआर ने कहा कि डेंगू के खिलाफ प्रभावी वैक्सीन विकसित करने की तत्काल जरूरत है. इस बीच, दो संभावित टीकों के बारे में जानकारी देते हुए, आईसीएमआर की वायरोलॉजी प्रमुख डॉ. निवेदिता गुप्ता ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन का बच्चों पर अध्ययन शुरू किया गया है. साथ ही पैनेसिया की वैक्सीन का आईसीएमआर की वित्तपोषित 20 साइट्स पर 18 से 80 साल की आयु वाले 10,335 लोगों पर तीसरे चरण में डबल ब्लाइंड, प्लेसीबो कंट्रोल्ड ट्रायल करने की योजना है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने 2019 में शीर्ष दस वैश्विक स्वास्थ्य खतरों में से एक के तौर पर डेंगू की पहचान की थी.
डेंगू वैक्सीन से क्या-क्या फायदे होंगे
डॉ. गुप्ता ने कहा कि थर्ड फेज प्रोटोकॉल को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने जनवरी 2023 में मंजूरी दे दी है. एसआईआई अगस्त-सितंबर 2023 में ट्रायल्स शुरू होने की उम्मीद के साथ वैक्सीन उत्पादन बढ़ाने की कोशिश कर रही है. आईसीएमआर ने कहा कि डेंगू की स्वदेसी वैक्सीन तत्काल फायदा पहुंचाने के साथ ही लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान करेगी. इसमें मरीज के शरीर में डेंगू के खिलाफ बनने वाली एंटीबॉडी की वृद्धि पर निर्भरता नहीं होगी. वैक्सीन डेंगू के सभी चार सीरोटाइप के खिलाफ सुरक्षा देगी, गंभीर बीमारियों और मौत के जोखिम को कम करेगी. इसके अलावा ये वैक्सीन लगातार डेंगू के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ावा देती रहेगी. ये उन लोगों को भी फायदा पहुंचाएगी, जो ज्यादा उम्र के हैं या जिन्हें पहले डेंगू हो चुका है.
.
Tags: DCGI nod to Panacea Biotech, Death due to dengue, Dengue outbreak, Serum Institute of India, Vaccine
FIRST PUBLISHED : May 17, 2023, 15:10 IST