
ऐप पर पढ़ें
UP Police Task Force: आपने यूपी पुलिस की एसटीएफ और एसओजी टीम के बारे में तो सुना होगा लेकिन क्या आप ऑपरेशन जिराफ और ऑक्टोपस से भी परिचित हैं? क्या आप जानते हैं कि क्या है माफिया पर शिकंजा कसने की लंबी और आठभुजी रणनीति? नहीं न तो आइए हम आपको बताते हैं कि यूपी के सबसे बड़े माफियाओं में से एक अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के मारे जाने के बाद यूपी पुलिस की टास्क फोर्स ऑपरेशन जिराफ और ऑपरेशन ऑक्टोपस के जरिए कैसे उसकी बेनामी संपत्ति की तलाश के साथ गुर्गों पर शिकंजा कसती जा रही है।
बता दें कि यूपी पुलिस ने माफिया अतीक अहमद की बेनामी संपत्तियों का पता लगाने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है। इसमें दो विंग हैं। एक-ऑपरेशन ऑक्टोपस और दूसरा जिराफ। इस टास्क फोर्स में दो एसीपी और 20 पुलिसकर्मी शामिल हैं। एक विंग का काम बेनामी संपत्ति की तलाश करना तो दूसरे का काम अतीक के गुर्गों पर शिकंजा कसना है।
टास्क फोर्स से जुड़े एक डीसीपी ने बताया कि जिस तरह जिराफ लम्बी गर्दन से दूर तक देख सकता है उसी तरह ऑपरेशन जिराफ के सदस्य अतीक की बेनामी संपत्तियों का दूर-दूर तक जाकर पता लगा रहे हैं। जिराफ टीम में शामिल पुलिसकर्मी राजस्व की मदद से एक-एक प्रॉपर्टी की छानबीन करने में लगे हैं। बेनामी संपत्तियों पर कार्रवाई के लिए इसी जिराफ टीम को लगाया गया है। इसके बाद विंग की दूसरी टीम ऑक्टोपस कार्रवाई करेगी।
जैसे ऑक्टोपस अपने आठों भुजाओं से चारों तरफ से शिकंजा कसती है, उसी तरह से पुलिस भी करेगी। अतीक के गुर्गों की प्रॉपर्टी, बैंक स्टेटमेंट, कॉल डिटेल, अवैध संपत्तियां, रजिस्ट्री की जांच, इनकम टैक्स की डिटेल आदि की मदद से हर तरफ से शिकंजा कसेगी। इस तरह से टास्क फोर्स जिराफ और ऑक्टोपस की मदद से माफियाओं पर पुलिस कहर बरपाएगी। हाल ही में पुलिस ने अतीक अहमद की 12 करोड़ की बेनामी प्रॉपर्टी को गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया है।