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डीयू ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे फर्जी नोटिस के खिलाफ चेतावनी दी है। इसमें कहा गया, डीयू ने 20, 21 दिसंबर को होने वाली स्नातक परीक्षा रद्द कर दी है।
डीयू के एक अधिकारी ने बताया कि छात्रों के बीच एक फर्जी अधिसूचना प्रसारित हो रही है, जिसमें कहा गया कि स्नातक परीक्षा अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण रद्द कर दी गई है। यह गलत है। परीक्षाएं अपने पूर्व निर्धारित तिथि पर होंगी। इस फर्जी सर्कुलर में रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर भी हैं। 19 दिसंबर को जारी इस सर्कुलर को लेकर कई छात्रों में भ्रम की स्थिति हो गई थी। इसके बाद डीयू ने स्थिति स्पष्ट की। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) एक विषय में उत्तीर्ण नहीं होने वाले छात्रों को 10 कृपांक (ग्रेस अंक) देगा।
डीयू के एक अधिकारी ने बताया कि अगर कोई छात्र एक विषय में असफल होने के कारण अपनी डिग्री पूरी नहीं कर पाया है तो डीयू ऐसे छात्रों को दस कृपांक देगा। उन्होंने बताया कि इस प्रावधान के दायरे में वे छात्र शामिल होंगे, जिनकी डिग्री कोविड-19 के प्रकोप के दौरान 2021-22 और 2022-23 में पूरी होनी चाहिए थी जो चार प्रश्नपत्र की सीमा के साथ शताब्दी अवसर के लिए परीक्षा में उपस्थित हुए थे।
एमफिल छात्रों पर भी लागू होगा निर्णय डीयू की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली इकाई कार्यकारी परिषद द्वारा अनुमोदित एक प्रस्ताव के अनुसार, यह स्नातक (यूजी), स्नातकोत्तर (पीजी) और एमफिल के छात्रों पर भी लागू होगा। यह निर्णय उन छात्रों को राहत देगा, जो दूरस्थ शिक्षा, संसाधनों तक सीमित पहुंच या कोरोना के दौरान परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए थे। डीय कृपांक प्राप्त करने के इच्छुक छात्रों के अनुरोध का मूल्यांकन करने के लिए अकादमिक सलाहकारों, संकाय सदस्यों और प्रशासक की एक समिति का गठन करेगा। छात्रों को एक विषय में असफल होने का एक वैध कारण बताना होगा। इसके बाद इस पर विचार किया जाएगा।