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दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में पांच वर्षीय एलएलबी, एसओएल के पाठ्यक्रम, बीटेक सहित अन्य पाठ्यक्रमों को चलाने की मंजूरी मिल गई है। डीयू ने पीएचडी की प्रवेश परीक्षा भी सीयूईटी के माध्यम से कराने का निर्णय लिया है। वहीं, अगले 25 वर्षों (2022-2047) के लिए विश्वविद्यालय के रणनीतिक योजना को विचार-विमर्श के लिए पेश किया गया। शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए पीएचडी प्रवेश परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय-आधारित सीयूईटी (पीएचडी)-2023 के माध्यम से होगा। हालांकि, दिल्ली विश्वविद्यालय में सेवारत शिक्षक और गैर-शिक्षण वर्ग सीधे साक्षात्कार के लिए उपस्थित हो सकते हैं। शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को कार्यालय समय के दौरान निर्धारित कर्तव्यों को प्रभावित किए बिना कक्षाओं में भाग लेने और परीक्षा देने की अनुमति दी जा सकती है। पीएचडी के लिए ये नियम शैक्षणिक सत्र 2023-2024 से लागू होंगे।
बैठक में कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने विश्वविद्यालय के स्ट्रैटेजिक प्लान को लेकर कहा कि देश के लिए अगले 25 वर्ष बहुत महत्वपूर्ण हैं। जब देश अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मना रहा होगा तो हम विकसित राष्ट्रों में शुमार होंगे। इसलिए डीयू ने भी अपने योगदान के लिए तैयारी शुरू कर दी है। बैठक में मौजूदा सीबीसीएस, एलओसीएफ आधारित पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं की योजनाओं को अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क-2022 के अनुसार संशोधित करने को मंजूरी दी गई।
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आईटीईपी को भी अनुमति
शैक्षणिक सत्र 2023-24 से एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम) आईटीईपी कोर्स चलाने को भी मंजूर कर लिया गया है। यह एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 4 वर्षीय कोर्स होगा। कुलपति ने बताया कि इससे पहले चल रहे शिक्षक शिक्षा कार्यक्रमों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कोई भी कोर्स बंद नहीं किया जाएगा। श्यामा प्रसाद मुखर्जी महिला कॉलेज, माता सुंदरी महिला महाविद्यालय और जीसस एंड मैरी कॉलेज को सत्र 2023-2024 से एनसीटीई द्वारा आईटीईपी के लिए अनुमोदन प्रदान किया गया है। डीयू का शिक्षा विभाग और बी.एल.एड पाठ्यक्रम चलाने वाले आठ कॉलेज आईटीईपी पाठ्यक्रम के लिए शैक्षणिक वर्ष 2024-2025 के लिए आवेदन करेंगे।
इन कोर्स को स्वीकृति मिली
शैक्षणिक वर्ष 2022-2023 से लागू अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क 2022 पर आधारित कला संकाय के विभिन्न विभागों के पाठ्यक्रम के संबंध में दी गई संस्तुतियों को स्वीकार किया गया। वाणिज्य विभाग के सेमेस्टर-चार और सेमेस्टर-पांच के पाठ्यक्रम के संबंध में वाणिज्य और व्यावसाय विज्ञान संकाय की सिफारिशों को भी स्वीकार कर लिया गया। अंतः विषय और अनुप्रयुक्त विज्ञान संकाय, संगीत एवं ललित कला संकाय, विज्ञान संकाय, गणितीय विज्ञान संकाय, अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान और मानविकी संकाय, क्लस्टर इनोवेशन सेंटर और स्कूल ऑफ जर्नलिज्म के सेमेस्टर-चार के संसोधित पाठ्यक्रम को भी मंजूरी दी गई। दूरस्थ एवं सतत शिक्षा विभाग के अंतर्गत स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल/सीओएल) के विद्यार्थियों के लिए भी पाठ्यक्रमों के सेल्फ लर्निंग मैटीरियल्स (एसएलएम) और स्किल एनहांसमेंट कोर्स के लिए पेपर भी स्वीकार किए गए। गणितीय विज्ञान संकाय की मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) पाठ्यक्रम में परिवर्तन के संबंध में की गई सिफारिशों को भी बैठक के दौरान स्वीकृति प्रदान की गई। यह भी निर्णय लिया गया कि कुलपति द्वारा पंचवर्षीय एकीकृत एलएलबी के क्रियान्वयन के लिए वर्तमान कार्यभार का आकलन करने और कार्यक्रमों को चलाने के लिए तौर-तरीकों पर काम करने के लिए गठित कार्यभार मूल्यांकन समिति की रिपोर्ट को भी स्वीकृति प्रदान की जाए।