Education Budget 2024 Live Updates: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अंतरिम बजट पेश करेंगी। चुनावी बजट में शिक्षा क्षेत्र को क्या मिलेगा, नए इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेजों, रोजगारों, नौकरियों को लेकर क्या ऐलान होंगे, इसका विद्यार्थियों, बेरोजगार युवाओं और नौकरीपेशा युवाओं को बेसब्री से इंतजार है। लोकसभा चुनाव से पहले पेश होने वाला अंतरिम बजट सत्ता में मौजूद पार्टी के लिए लोकलुभावन योजनाओं के जरिये मतदाताओं को आकर्षित करने का एक मौका होता है। इसलिए इससे काफी उम्मीदें की जा रही हैं। बीते कुछ सालों में शिक्षा के क्षेत्र में नई शिक्षा नीति 2020 के चलते कई बदलाव हुए हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि बजट 2023 में एजुकेशन सेक्टर के लिए क्या खास रहता है।
यहां पढ़ें एजुकेशन बजट का लाइव अपडेट
10:00 AM : वर्ष 2023 में शिक्षा मंत्रालय को 13 फीसदी की वृद्धि के साथ 1,12,899 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया। यह वित्त वर्ष 2024 के लिए सरकार के कुल अनुमानित खर्च का 2.9% था। इस बजट में समग्र शिक्षा अभियान के लिए बड़ी रकम (37,453 करोड़ रुपये) आवंटित की गई।
09:50 AM : पिछले बजट में एकलव्य स्कूलों के लिए 38,000 से भी ज्यादा शिक्षकों की भर्ती करने का ऐलान भी किया गया था। इसके बाद एकलव्य स्कूलों में 2023 में करीब 12 हजारों पदों पर भर्ती निकाली भी गई जिसका रिजल्ट आ चुका है।
09:30 AM : बीते साल स्कूली शिक्षा के लिए 68,805 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जो वित्त वर्ष 2023 के संशोधित अनुमानों से 16.5% ज्यादा है। इसके अलावा, उच्च शिक्षा के लिए 44,095 करोड़ का प्रावधान किया गया था, जो वित्त वर्ष 2023 के संशोधित अनुमानों के मुकाबले 8% ज्यादा है।
प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी से निपटने के लिए संसद में सोमवार को पेश हो सकता है विधेयक
सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के लिए अगले सप्ताह संसद में एक नया विधेयक पेश कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि विधेयक में इस अपराध के लिए अधिकतम 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान हो सकता है।
सूत्रों ने बताया कि लोक परीक्षा (अनुचित साधन रोकथाम) विधेयक, 2024 सोमवार को संसद में पेश किया जा सकता है, लेकिन अभी तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल में इस विधेयक को मंजूरी दी थी।
उन्होंने बताया कि प्रस्तावित विधेयक में विद्यार्थियों को निशाना नहीं बनाया जाएगा, बल्कि इसमें संगठित अपराध, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। विधेयक में एक उच्च-स्तरीय तकनीकी समिति का भी प्रस्ताव है, जो कम्प्यूटर के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें करेगी। यह एक केंद्रीय कानून होगा और इसके दायरे में संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी आएंगी।
इससे पहले, बजट सत्र की शुरुआत पर संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है। उन्होंने कहा, ”इस दिशा में सख्ती लाने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है।” सूत्रों ने बताया कि परीक्षा पत्र लीक होना एक राष्ट्रव्यापी समस्या बन गयी है, इसलिए अपनी तरह का पहला केंद्रीय कानून लाने की आवश्यकता महसूस की गयी। गुजरात जैसे कुछ राज्य इस समस्या से निपटने के लिए अपने कानून लेकर आए हैं।
पिछले साल परीक्षा पत्र लीक होने के बाद राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा, हरियाणा में ग्रुप-डी पदों के लिए साामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी), गुजरात में कनिष्ठ लिपिकों के लिए भर्ती परीक्षा और बिहार में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा समेत अन्य परीक्षाएं रद्द की गयी थीं।