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Election Results: राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव जीतने वाले भाजपा सांसदों को अब राज्य की राजनीति का मोर्चा संभालने की संभावना है। तीनों राज्यों में भाजपा की सरकारें बनने जा रही हैं। उनमें इनकी अहम भूमिका हो सकती है। ऐसे में इनकी सीटों पर पार्टी नए चेहरों को केंद्रीय राजनीति में ला सकती है। तीनों राज्यों से भाजपा के एक दर्जन सांसद विधानसभा चुनाव जीते हैं। इनमें एक राज्यसभा व बाकी लोकसभा सांसद हैं।
भाजपा नेतृत्व ने संकेत दिए हैं कि जब सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा गया था तब उनको राज्य की राजनीति में लाने और विधानसभा चुनाव में पार्टी को मजबूत करने की रणनीति थी। जनता ने भी उनको चुना है। ऐसे में संसद के बजाए विधानसभा में रखना ज्यादा उचित है। वैसे भी अब लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और लोकसभा से इस्तीफा देने पर उपचुनाव नहीं होंगे। केवल किरोणीलाल मीणा राज्यसभा सांसद हैं। राज्य में भाजपा की सरकार बनने पर उपचुनाव में वह सीट भाजपा के पास ही रहेगी।
सोमवार को विधानसभा चुनाव जीते कुछ सांसदों ने विभिन्न केंद्रीय नेताओं से मुलाकात भी की और अपनी भविष्य की भूमिका को लेकर चर्चा की। सूत्रों के अनुसार, अधिकांश सांसदों को कहा गया है कि वह अब अपनी नई भूमिका यानी विधानसभा की तैयारी करें। पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा कि चुनाव जीतने वाले अधिकांश सांसद अब नई भूमिका यानी विधायक रहेंगे, लेकिन सभी पर यह लागू होगा, इसके बारे में एक-दो दिन में फैसला हो जाएगा।
मध्य प्रदेश में जिन सांसदों ने विधानसभा चुनाव जीता हैं। उनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व प्रहलाद सिंह पटेल के साथ उदय राव प्रताप सिंह, रीति पाठक व राकेश सिंह शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते व सांसद गणेश सिंह चुनाव हार गए हैं। राजस्थान में सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीया कुमारी, बाबा बालकनाथ व किरोड़ीलाल मीणा विधायक चुने गए हैं। भागीरथ चौधरी, देवजी पटेल व नरेंद्र कुमार खीचड़ चुनाव हार गए हैं। छत्तीसगढ़ में चार सांसदों में तीन केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह, गोमती साय व अरुण साव चुनाव जीत गए हैं, जबकि विजय बघेल को हार का सामना करना पड़ा था। अरुण साव प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।