Sunday, December 15, 2024
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election results 2023 sanatan dharma udhayanidhi stalin congress seats in mp rajasthan chhattisgarh bhupesh baghel – India Hindi News – सनातन का ‘श्राप’ कांग्रेस को ले डूबा? दिग्विजय सिंह और भूपेश बघेल ने पहले ही चेताया था, देश न्यूज


Chunav Results 2023: साल 2018 में हुआ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हिंदी पट्टी के बड़े राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विजयी हुई थी। हालांकि, 3 दिसंबर 2023 की शाम तक स्थिति पूरी तरह बदल गई और कांग्रेस ने दो राज्य बुरी तरह गंवा दिए और एमपी में वापसी से कोसों दूर रह गई। खुद कांग्रेस के नेता और राजनीतिक जानकार इसकी बड़ी वजह ‘सनातन’ धर्म का मुद्दा बता रहे हैं। कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और दिग्गज दिग्विजय सिंह इसे लेकर कांग्रेस को पहले ही चेता चुके थे।

कांग्रेस नेता ने बताया ‘श्राप’

रविवार को जब नतीजों का ऐलान हो रहा था, तो शाम तक स्थिति साफ हो चुकी थी कि कांग्रेस हार रही है। उस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महासचिव प्रियंका गांधी के करीबी नेता माने जाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा था, ‘सनातन का श्राप ले डूबा।’ हालांकि, उन्होंने इस दौरान किसी दल का नाम नहीं लिया।

राजनीतिक जानकार तहसीन पूनावाला ने कहा, ‘…कांग्रेस को थोड़ा आत्ममंथन करना होगा कि हिंदू हार्टलैंड के सूबे राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में उनकी हार क्यों हुई है। मुझे लगता है कि इसका सबसे बड़ा कारण सनातन धर्म को गाली देना। दूसरा ओबीसी सेंसस की बात करना था।  खासकर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में, जहां यह फैक्टर नहीं है…।’

CWC बैठक में हुई चर्चा?

सितंबर के मध्य में ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक आयोजित हुई थी। कहा जा रहा था कि इसमें तब तूल पकड़ रहे सनातन धर्म के विरोध के मुद्दे पर भी बात हुई थी। हालांकि, तब पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने इस बात से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि पार्टी सभी का सम्मान करती है और ‘सर्वधर्म समभाव’ में भरोसा करती है।

दो दिग्गजों ने चेताया?

कहा जा रहा है कि तब सीएम रहे बघेल और दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने CWC बैठक में कहा थाकि पार्टी ऐसे मुद्दों से दूर रहना चाहिए इसमें नहीं फंसना चाहिए। कहा यह भी जा रहा है कि बघेल और सिंह ने इस बात पर जोर दिया था कि सनातन धर्म विवाद पर बोलने से पार्टी को नुकसान होगा और इससे भारतीय जनता पार्टी को फायदा होगा।

सनातन धर्म का क्या है मुद्दा

INDIA गठबंधन में शामिल तमिलनाडु के सत्तारूढ़ दल डीएमके के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सितंबर की शुरुआत में सनातन धर्म को उखाड़ने की बात कही थी। इतना ही नहीं उन्होंने सनातन धर्म की तुलना मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों तक से कर दी थी। कांग्रेस शुरुआत में तो इससे दूरी बनाती नजर आई, लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियंक खड़गे भी इसके समर्थन में टिप्पणी कर बैठे।

पत्रकारों ने सितंबर में जब प्रियंक से सवाल किया, तो उन्होंने कहा था, ‘कोई भी धर्म, जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है। कोई भी धर्म, जो यह सनुश्चित नहीं करता है कि आपको इंसान होने के नाते सम्मान मिले। वह मेरे हिसाब से धर्म ही नहीं है। यह एक बीमारी के बराबर ही है।’ इससे पहले स्टालिन ने सनातन धर्म के ‘विरोध’ के बजाए उसे ‘उखाड़’ फेंकने की बात कही थी।

मल्लिकार्जु खड़गे का वायरल वीडियो

उस दौरान एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें खड़गे सनातन धर्म का जिक्र कर रहे थे। उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है, ‘…अगर ऐसे मोदी जी को और शक्ति मिलेगी देश में तो समझो कि फिर इस देश में सनातन धर्म और आरएसएस की हुकूमत आएगी।’



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