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चीन के सैन्य शोधकर्ताओं ने देशभर में सैटलाइट नेटवर्क बनाने पर जोर दिया है ताकि स्पेसएक्स के स्टारलिंक प्रोग्राम को टक्कर दी जा सके। चीन अभी मस्क के स्पेसएक्स से कई साल पीछे चल रहा है। ड्रैगन को डर है कि मस्क के ये सैटलाइट उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। यूक्रेन ने मस्क के इस सैटलाइट आधारित इंटरनेट का सफलतापूर्वक इस्तेमाल करके रूस के खिलाफ काफी बढ़त बनाई है। इस बीच चीन के वैज्ञानिक अब मस्क के उपग्रहों को ब्लॉक करने के मिशन पर भी जुट गए हैं।
यूक्रेन युद्ध में स्टारलिंक बहुत कारगर
चीनी वैज्ञानिक इस बात के भी प्रयास कर रहे हैं कि अगर युद्ध हो तो मस्क के स्टारलिंक सैटलाइट को नुकसान पहुंचाया जा सके। चीनी शोधकर्ताओं ने इस बात पर चिंता जताई है कि उनका गुओवांग प्रॉजेक्ट मस्क के स्टारलिंक से बहुत पीछे चल रहा है। वह भी तब जब यूक्रेन युद्ध में स्टारलिंक बहुत कारगर साबित हुआ है। चीन के एक विशेषज्ञ ने कहा कि अब जरूरत इस बात की है कि चीन का अपना सैटलाइट का नेटवर्क तैयार कराया जाए। साथ ही स्टारलिंक से बचने की तकनीक भी बनाई जाए।
चीन ने सुरक्षा को लेकर यह चिंता ऐसे समय पर जताई है जब अमेरिका और चीन के बीच अंतरिक्ष में अंधी रेस शुरू हो गई है। दोनों ही देश अंतरिक्ष में रक्षात्मक तकनीक और खोज मिशनों पर जमकर पैसा खर्च कर रहे हैं। दोनों ही देश मंगल ग्रह पर सबसे पहले इंसान को उतारने के प्रयास में लगे हुए हैं। धरती की निचली कक्षा में उपग्रह स्थापित करने को लेकर स्टारलिंक के अलावा अमेजॉन और बोइंग भी प्रयासरत हैं। इसके जरिए दुनिया के उन इलाकों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट देने की तैयारी है जहां ये लो कनेक्टविटी के साथ उपलब्ध हैं।
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