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एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल के विभिन्न पदों के लिए आयोजित परीक्षा में पकड़े गए सॉल्वर का अभी तक किसी गैंग से जुड़े होने की बात सामने नहीं आई है। कुछ सॉल्वर ने पुलिस को बताया कि रुपयों के लालच में परीक्षा देने गए थे, जबकि कइयों ने सिर्फ दोस्ती में परीक्षा पास कराने की बात कही। धूमनगंज, अतरसुइया और कर्नलगंज पुलिस ने तीनों को जेल भेज दिया, जबकि सोरांव पुलिस ने पकड़े गए सॉल्वर और मुन्ना भाई दोनों को मुचलके पर छोड़ दिया।
डीपी पब्लिक स्कूल में आयोजित परीक्षा के दौरान पुलिस ने सॉल्वर फतेहपुर निवासी प्रमोद कुमार को गिरफ्तार किया था। प्रमोद से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि वह इविवि का छात्र रहा है। यहीं से परास्नातक की पढ़ाई के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने लगा। इस परीक्षा को पास कराने के लिए उसके साथी संदीप ने 35 हजार का ऑफर किया था। उसे कोचिंग करनी थी। लेकिन 35 हजार रुपये मिलने से पहले ही वह पकड़ा गया। कर्नलगंज पुलिस ने रविवार को उसे जेल भेज दिया। इसी तरह धूमनगंज में पकड़ा गए बिहार के नीतीश ने 15 हजार रुपये में दूसरे की जगह परीक्षा देने की बात स्वीकारी थी। वहीं अतरसुइया पुलिस ने सॉल्वर बिहार निवासी बृजेश को जेल भेज दिया। हालांकि बृजेश ने जेल जाने से पूर्व पुलिस को यही बयान दिया कि उसने रुपये के लिए नहीं बल्कि दोस्ती में परीक्षा दी थी। उसके साथी को साइंस नहीं आता था। इसलिए परीक्षा पास कराने पहुंचा था। सोरांव पुलिस भी यह खुलासा नहीं कर सकी कि सॉल्वर ने दूसरे की जगह परीक्षा देने के लिए कितने में डील की थी।