Home Health Explainer: क्या है नोरोवायरस जो केरल में बच्‍चों को कर रहा संक्रमित, क्‍या हैं लक्षण, कैसे करें बचाव? जानें सबकुछ

Explainer: क्या है नोरोवायरस जो केरल में बच्‍चों को कर रहा संक्रमित, क्‍या हैं लक्षण, कैसे करें बचाव? जानें सबकुछ

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Explainer: क्या है नोरोवायरस जो केरल में बच्‍चों को कर रहा संक्रमित, क्‍या हैं लक्षण, कैसे करें बचाव? जानें सबकुछ

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Treatment of Norovirus: भारत का दक्षिणी राज्‍य केरल शुरुआत से लेकर अब तक कोरोना वायरस से जूझ रहा है. अब यहां एक नए वायरस ने लोगों के साथ ही शासन-प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. केरल के एर्नाकुलम जिले में एक प्राइवेट स्‍कूल के 62 स्‍टूडेंट्स में नोरोवायरस के लक्षण पाए गए. जिले के एक वरिष्‍ठ चिकित्‍सा अधिकारी ने बताया कि दो नमूने लैब भेजे गए, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. बच्‍चों की तरह की कुछ अभिभावकों में भी समान लक्षण पाए गए. हम आपको बता रहे हैं कि बच्‍चों के लिए सबसे ज्‍यादा खतरनाक बताए जा रहे नोरोवायरस के लक्षण क्‍या हैं? ये कैसे फैलता है और इससे बचाव कैसे कर सकते हैं? इसका इलाज क्‍या है?

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन यानी डब्‍ल्‍यूएचओ के मुताबिक, दुनियाभर में नोरोवायरस से हर साल करीब 68 करोड़ लोग संक्रमित होते हैं. इनमें 5 साल से कम उम्र के बच्‍चों की संख्‍या 20 करोड़ है. इस वायरस की वजह से हर साल करीब 2 लाख लोगों की मौत हो जाती है. इसमें बच्‍चों की संख्‍या करीब 50 हजार रहती है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीस का कहना है कि पेट से जुड़ी समस्‍या पैदा करने के कारण इसे स्‍टमक फ्लू और स्‍टमक बग भी कहा जा रहा है. लेकिन, ये स्‍टमक फ्लू या स्‍टमक बग नहीं है. स्‍टमक फ्लू इंफ्लूएंजा वायरस से जुड़ी बीमारी है.

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हर साल दुनियाभर में लाखों लोगों को नोरोवायरस के कारण अस्‍पताल में भर्ती कराना पड़ता है.

क्‍या है नोरोवायरस और कितना है खतरनाक?
अमेरिका के नेशन फाउंडेशन फॉर इंफेक्शियस डिजीज के मुताबिक, नोरोवायरस एक जैसे कई वायरस का समूह है, जो काफी संक्रामक होता है. इस वायरस से संक्रमित होने पर पेट और इंटेस्‍टाइन पर सबसे बुरा असर डालता है. इससे संक्रमित होने पर ग्रेस्‍टोएंट्रिटीज की समस्‍या पैदा होती है. हर साल सिर्फ अमेरिका में ही करीब 2.1 करोड़ लोग गंभीर आंत्रशोधन की समस्‍या के कारण अस्‍पताल पहुंचते हैं. इनमें करीब 4 लाख लोगों को इमरजेंसी डिपार्टमेंट में भर्ती करना पड़ता है. अकेले अमेरिका में इससे हर साल 800 के करीब लोगों की मौत हो जाती है. इनमें बच्‍चे और बुजुर्ग ज्‍यादा होते हैं. हर साल अमेरिका में हर 15 में 1 व्‍यक्ति नोरोवायरस से संक्रमित होता है. संक्रमित होने वाले हर 14 में एक बच्‍चे को इमरजेंसी में भर्ती करना पड़ता है.

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क्‍या हैं नोरोवायरस संक्रमण होने के लक्षण?
नोरोवायरस के लक्षण की बात करें तो इससे संक्रमित बच्‍चे, बड़े या बुजुर्ग को अचानक उल्टी या दस्त होने शुरू हो जाते हैं. यही नहीं संक्रमित को तेज बुखार, शरीर में दर्द और सिरदर्द की समस्‍या भी होती है. संक्रमित होने के दो दिन या कई मामलों में एक दिन बाद ही इसके लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं. संक्रमित की आंतों में सूजन की शिकायत भी हो सकती है. इससे संक्रमित व्‍यक्ति लंबे समय तक बीमार रह सकता है. ये वायरस बच्‍चों और बुजुर्गों यानी कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को आसानी से संक्रमित करता है.

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नोरोवायरस का संक्रमण होने पर मरीज को बार-बार पानी पिलाना चाहिए ताकि शरीर में हाइड्रेशन बना रहे.

कैसे फैलता है खतरनाक नोरोवायरस?
नोरोवायरस गंदे पानी और खराब खाने की वजह से फैलता है. वहीं, अगर कोई स्‍वस्‍थ व्‍यक्ति किसी संक्रमित के संपर्क में आए तो भी नोरोवायरस की चपेट में आ सकता है. ऐसा नहीं है कि जिसे ये वायरस एक बार हो जाएगा, उसे दोबारा नहीं होगा. ये वायरस एक व्‍यक्ति को कई बार संक्रमित कर सकता है. इस वायरस के एक से ज्‍यादा वेरिएंट मौजूद हैं. नोरोवायरस पर सेनेटाइजर का भी असर नहीं होता है. वहीं, ये वायरस भीषण गर्मी में भी फैल सकता है. नोरोवायरस 60 डिग्री तापमान पर भी खत्‍म नहीं होता है. ये वायरस सीवेज के जरिये भी फैलता है. संक्रमित जगह को छूने के बाद चेहरे पर हाथ लगाने से भी ये वायरस फैलता है.

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कैसे करें बचाव, क्‍या है इसका इलाज?
नोरोवायरस से बचाव संभव है. ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस का कहना है कि नोरोवायरस से संक्रमित व्‍यक्ति घर पर ही ठीक हो सकता है. संक्रमण से बचाव का सबसे अच्‍छा तरीका यही है कि बार-बार अपने हाथों को साबुन और गर्म पानी से धोएं. बच्‍चों के मामले में अतिरिक्‍त सावधानी बरतें, क्‍योंकि बच्‍चे कहीं भी हाथ रख देते हैं. उनके हाथों को बार-बार धुलवाएं. साथ ही कपड़ों और सब्जियों को भी करीब 15 मिनट के लिए गर्म पानी में रखें. संक्रमित व्‍यक्ति को डीहाइड्रेशन से बचाने के लिए ज्‍यादा से ज्‍यादा पानी दें. इससे मरीज तीन से छह दिन के भीतर ठीक हो जाएगा. संक्रमित व्‍यक्ति को ताजा और आसानी से पचने लायक भोजन दें. इसका अभी तक कोई इलाज नहीं बना है. गंभीर मामलों में अस्‍पताल में भर्ती कराना ही बेहतर है.

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