Thursday, December 19, 2024
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Explainer: फसलें खराब होने पर किसानों को कैसे मिलता है मुआवजा, क्‍या कटी फसल पर भी मिलेगी राहत?


Relief to Farmers: देश के कई इलाकों में पिछले दिनों जमकर बेमौसम बारिश हुई. यही नहीं, कुछ इलाकों में तेज आंधी और ओलावृष्टि भी हुई. इससे खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ. किसानों की पूरी मेहनत बर्बाद हो गई. गेहूं ही नहीं बेमौसम बारिश के कारण सरसों, अरहर, चना समेत कई तिलहन व दहलन फसलों के बर्बाद होने से किसानों को तगड़ा नुकसान हुआ है. इसके अलावा जो किसान फसल काट चुके थे, उनकी खेतों में पड़ी पैदावार चौपट हो गई. किसानों को राहत देने के लिए यूपी समेत कुछ राज्‍य सरकारों ने मुआवजे का ऐलान कर दिया है. वहीं, पीएम फसल बीमा योजना के जरिये भी काफी किसानों को राहत मिल जाएगी. आइए समझते हैं कि फसल बर्बाद होने पर किसानों को मुआवजा कैसे मिलता है?

केंद्र सरकार ने बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल बर्बाद होने पर नुकसान में आए किसानों को राहत का भरोसा दिलाया है. कृषि राज्‍यमंत्री कैलाश चौधरी ने ऐलान किया है कि किसानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट मिलने के बाद राष्‍ट्रीय आपदा राहत कोष से मुआवजा दिया जाएगा. वहीं, उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश, हरियाणा, राजस्‍थान और पंजाब सरकार ने भी तत्‍कान आर्थिक मदद देने की घोषणा की है. इसके अलावा यूपी और पंजाब की सरकारों ने फसल के अलावा आकाशीय बिजली गिरने पर मवेशी, घर और जनहानि पर भी आर्थिक मदद का ऐलान किया है.

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अगर किसान फसल खराब होने के 72 घंटे के भीतर जानकारी देंगे तो सबसे बेहतर होगा.

फसल बर्बाद होने पर क्‍या करें किसान?
बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल को नुकसान होने के बाद किसान सबसे पहले बीमा कंपनी या कृषि विभाग कार्यालय को जानकारी दें. अगर किसान फसल खराब होने के 72 घंटे के भीतर जानकारी देंगे तो सबसे बेहतर होगा. इससे बैंक, बीमा कंपनी या कृषि विभाग को नुकसान की पुष्टि करने में आसानी होगी और किसानों को दावे का भुगतान जल्‍द किया जा सकेगा. राजस्‍थान सरकार ने किसानों के लिए हेल्‍पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिन पर जानकारी देकर मुआवजे का दावा किया जा सकता है. वहीं, हरियाणा में किसानों के लिए स्‍पेशल हेल्‍प डेस्‍क भी बनाई गई हैं. मध्‍य प्रदेश और यूपी में भी किसानों को फसल बर्बाद होने के 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट करने को कहा गया है.

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किन नंबरों पर सूचना दें किसान?
पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसान फसल खराब होने की जानकारी मोबाइल ऐप के जरिये दे सकते हैं. वहीं, बीमा कंपनियों के मोबाइल ऐप पर भी इसकी जानकारी दी जा सकती है. एग्रीकल्चर इंश्‍योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड का टोल फ्री नंबर 18004196116 है. एसबीआई जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी का टोल फ्री नंबर 18002091111 है. इसके अलावा रिलायंस जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी लिमिटेड के टोल फ्री नंबर 18001024088 पर भी किसान फसल बर्बाद होने की सूचना दे सकते हैं. फ्यूचर जनरल इंडिया इंश्‍योरेंस कंपनी लिमिटेड का टोल फ्री नंबर 18002664141, बजाज आलयांज जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी लिमिटेड का 18002095959, एचडीएफसी एग्रो जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी का 18002660700 है.

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बारिश, आंधी या ओलावृष्टि के कारण खेतों में पड़ी कटी फसल खराब होने पर भी मुआवजे का दावा किया जा सकता है.

कटी फसल खराब होने पर क्‍या करें?
कुछ किसानों की खेतों में पड़ी कटी फसल बारिश और ओलावृष्टि के कारण बर्बाद हो गई. ऐसे किसानों को बीमा क्लेम के लिए 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी या कृषि अधिकारी को जानकारी देना बेहद जरूरी है. अगर आपके फसल काटने के 14 दिन के भीतर बारिश या ओलावृष्टि होने से नुकसान होता है तो आप पीएम फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे के पात्र हैं.

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कब किसान होते हैं मुआवजे के हकदार?
जब खेत में खड़ी फसल का 33 फीसदी से ज्यादा हिस्‍सा बर्बाद हो जाए तो किसान मुआवजे के लिए आवेदन कर सकते हैं. बेमौसम बारिश होने के बाद जब सरकार की ओर से अनुदान दिए जाने की घोषणा की जाती है, तब शिकायत के लिए पोर्टल खोला जाता है. किसान पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं. आवेदन करने के बाद एग्रीकल्चर को-ऑर्डिनेटर फिजिकल वेरिफिकेशन करते हैं. आवेदन का सत्‍यापन होने पर अग्रसारित करते हैं. इसके बाद आवेदन जिला कृषि पदाधिकारी के पास जाता है. जिला कृषि पदाधिकारी भी किसान के आवेदन को सत्य पाने के बाद आगे बढ़ा देते करते हैं. इसके बाद डीबीटी सेल से किसानों के खाते में क्षतिपूर्ति का सीधे भुगतान कर दिया जाता है.

Tags: Crop Damage, Farmer, Insurance scheme, UP Rabi crop ruined, Wheat crop



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