Roreign Universities Campus : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालयों के भारत में परिसर स्थापित करने की कवायद के तहत आयोग अगले कुछ दिनों में दिल्ली स्थित 67 देशों के राजदूतों एवं इन देशों के शीर्ष विश्वविद्यालयों को पत्र लिखेगा तथा उनके साथ बैठक करेगा। उन्होंने कहा कि सभी चीजें ठीक ढंग से आगे बढ़ीं तो दो साल में विदेशी विश्वविद्यालय परिसर भारत में आने की संभावना है। कुमार ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा, ”इस विषय पर पिछले कुछ महीने में हमने यूरोप के कुछ देशों के शीर्ष विश्वविद्यालयों के साथ चर्चा की है। इनमें से कुछ देशों से प्रतिनिधियों ने यूजीसी का दौरा भी किया और इस प्रस्ताव में रुचि दिखाई।” यूजीसी प्रमुख ने कहा, ”हमारा आकलन है कि दुनिया के 67 देशों में शीर्ष विश्वविद्यालय स्थित हैं, ऐसे में अपनी कार्ययोजना को लेकर हम इन देशों के नयी दिल्ली में पदस्थ राजदूतों को पत्र लिखेंगे और उनके साथ बैठक भी करेंगे।”
कुमार ने कहा कि इसके साथ ही इन 67 देशों में पदस्थ भारतीय राजदूतों को भी पत्र लिखकर उनसे यूजीसी (भारत में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों का परिसर स्थापित करने एवं परिचालन करने) संबंधी नियमन 2023 के बारे में जानकारी एवं जागरूकता फैलाने का आग्रह करेंगे। उन्होंने कहा, ”हमने पत्र की रूपरेखा तैयार कर ली है और अगले कुछ दिनों में यह भेजना शुरू कर देंगे।” कुमार ने कहा कि यूजीसी की तरफ से अगले एक-दो महीने में सभी शीर्ष विश्वविद्यालयों से संपर्क किया जाएगा और उन्हें बताया जाएगा कि दाखिला प्रक्रिया, शुल्क ढांचा, शिक्षकों की भर्ती, कार्यक्रमों के विकल्प आदि को लेकर कितनी छूट दी गई है। यह पूछे जाने पर कि विदेशी विश्वविद्यालयों के भारत में परिसर स्थापित करने का स्वरूप क्या होगा, कुमार ने कहा कि किसी भी विदेशी विश्वविद्यालय को भारत में परिसर स्थापित करने के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 के तहत भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियमों का पालन करना होगा।
उन्होंने कहा कि परिसर स्थापित करने के कई रास्ते हैं जिनमें से एक रास्ता कंपनी स्थापित कर शैक्षणिक संस्थान संचालित करने का हो सकता है और दूसरा रास्ता किसी वर्तमान संस्थान या आईआईटी जैसे संस्थान के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करने तथा तीसरा रास्ता शाखा कार्यालय खोलकर परिसर चलाने का हो सकता है। कुमार ने कहा, ”ये सभी वैध रास्ते हैं। आरबीआई से मान्यता प्राप्त रास्ते हैं।” इस सवाल पर कि भारतीय परिस्थितियों में शिक्षा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी, यूजीसी अध्यक्ष ने कहा, ”हाल में हमने राष्ट्रीय क्रेडिट ढांचा तैयार किया है और हितधारकों की राय के लिए सार्वजनिक किया है। यह क्रेडिट ढांचा अंतरराष्ट्रीय स्तर का है।” उन्होंने कहा कि इसके अनुरूप ही गुणवत्ता तय होगी और कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यह पूछे जाने पर कि वाम दलों ने विदेशी विश्वविद्यालयों के भारत में परिसर स्थापित करने की कवायद का विरोध किया है, कुमार ने कहा कि शिक्षा में सुधार का जो कदम (विदेशी विश्वविद्यालय परिसर) उठाया जा रहा है..वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति में लिखा हुआ है। उन्होंने कहा, ”हम सिर्फ राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कर रहे हैं। यह छात्रों के भविष्य एवं हितों की सुरक्षा तथा अच्छी शिक्षा प्रदान करने का प्रयास है।” कुमार ने कहा कि कई लाख छात्र हर वर्ष विदेशों में पढ़ाई करने जाते हैं, ऐसे में विदेशी विश्वविद्यालयों का परिसर भारत में स्थापित होने से भारत में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्राप्त हो सकेगी। गौरतलब है कि विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए भारत में परिसर स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए यूजीसी ने बृहस्पतिवार को इसका मसौदा नियमन जारी किया था। इसमें विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में परिसर स्थापित करने के लिए जहां यूजीसी से मंजूरी लेनी होगी, वहीं दाखिला प्रक्रिया तथा शुल्क ढांचा तय करने की छूट होगी।