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India UK FTA Deal, G-20 Meet: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक इस हफ्ते नई दिल्ली आ रहे हैं। वह जी-20 के शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे। इससे पहले उन्होंने अपनी शीर्ष टीम को संबोधित करते हुए अपने मंत्रियों से कहा कि वह भारत के साथ तभी मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर पहुंचेंगे, जब इससे पूरे ब्रिटेन को फायदा होगा। उनके प्रवक्ता ने संवाददाताओं से कहा, “उन्होंने कहा कि मुक्त व्यापार समझौते के आसपास बातचीत प्रगति पर है लेकिन उस पर भारत के साथ समझौता केवल उसी दृष्टिकोण पर निर्भर होगा जो पूरे ब्रिटेन के लिए लाभकारी होगा।”
भारत ब्रिटिश व्यापार समझौते को महत्वपूर्ण मानता है क्योंकि इसका लक्ष्य एक बड़ा निर्यातक बनना है, जबकि ब्रिटेन, यूरोपीय संघ छोड़ने के बाद व्यापार के अवसरों का विस्तार करने का इच्छुक है। ब्रिटेन अपनी व्हिस्की, प्रीमियम कारों और कानूनी सेवाओं के लिए नए बाजार की तलाश में है, जो उसे भारत में मिल सकता है।
मुक्त व्यापार समझौते के तहत बौद्धिक संपदा अधिकार, उत्पत्ति के नियम और एक निवेश संधि जैसे मुद्दों पर अभी भी ब्रिटेन से सहमति होनी बाकी है । FTA के प्रचारकों ने ब्रिटेन से ऐसे किसी भी प्रावधान की मांग नहीं करने का आग्रह किया जो भारत के जेनेरिक दवा उद्योग को कमजोर कर सकता है और इसके उत्पादों को महंगा बना सकता है।
बता दें कि भारत और ब्रिटेन वर्तमान में मुक्त व्यापार समझौते के लिये चल रही वार्ता में विवादास्पद मुद्दों को हल करने में जुटा हुआ है। यह व्यापक व्यापार सौदा भारत के लिए अत्यधिक महत्त्व रखता है क्योंकि यह आगामी व्यापार समझौतों के लिये एक टेम्पलेट के रूप में काम करेगा, जिसमें यूरोपीय संघ और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) देशों (जैसे, आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्ज़रलैंड) के साथ समझौते शामिल हो सकेंगे।
भारत बौद्धिक संपदा अधिकार के तहत जीवन रक्षक जेनरिक दवाओं के उत्पादन पर कोई समझौता नहीं करना चाहता है। डिजिटल व्यापार और डेटा संरक्षण के क्षेत्र में भारत द्वारा अभी घरेलू कानूनों को मज़बूत किया जाना बाकी है, इसलिए इस विषय पर भी अभी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करना चाहता है। इसके अलावा भारत उदार ROO और श्रम और पर्यावरण के क्षेत्रों में प्रतिबद्धता चाहता है।
पिछले महीने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि भारत को इस साल के अंत तक ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत समाप्त होने की उम्मीद है। सीतारमण ने कहा, “मैं यह कहने में गलत नहीं होऊंगी कि ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौता बहुत करीब है।” 2030 तक भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य भी रखा गया है।