Wednesday, September 18, 2024
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G20: ईयू-मध्य पूर्व-भारत रेल और बंदरगाह समझौता, इसे क्यों कहा जा रहा ऐतिहासिक


नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जी20 साझेदार एक शिपिंग कॉरिडोर शुरू करने की योजना बना रहे हैं जो भारत को मध्य पूर्व और यूरोप से जोड़ेगा. यह परियोजना वैश्विक व्यापार की नजर में क्रांतिकारी हो सकती है. मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया को जोड़ने वाले बहुराष्ट्रीय रेल और बंदरगाह समझौते की घोषणा जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर की जाएगी.

G20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. दोनों देशों के प्रमुख ने प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे और स्वस्थ लोकतंत्र के महत्व पर संयुक्त योजनाओं के बारे में लगभग एक घंटे तक बात की. व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया को जोड़ने वाले बहुराष्ट्रीय रेल और बंदरगाह समझौते की घोषणा नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर की जाएगी. अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य यूरोप और भारत के बीच व्यापार को बढ़ाने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे.

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क्या है रेल और बंदरगाह करार, क्या है इसमें खास
अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने जी20 वार्षिक शिखर सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि इस सौदे से क्षेत्र के निम्न और मध्यम आय वाले देशों को लाभ होगा और वैश्विक वाणिज्य में मध्य पूर्व की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकेगी. अमेरिका इस परियोजना के जरिए, चीन के बेल्ट और रोड पुश इन्फ्रास्ट्रक्चर के सामने, जी20 भागीदारों में विकासशील देशों के लिए अमेरिका को एक वैकल्पिक भागीदार और निवेशक के तौर पर पेश करके उसका मुकाबला करना चाहता है.

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अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि समझौते का मकसद, मध्य पूर्व के देशों को रेलवे से जोड़ना और उन्हें बंदरगाह के जरिये भारत से जोड़ना है. जिससे शिपिंग समय, लागत और ईंधन के उपयोग में कटौती करके, खाड़ी से यूरोप तक ऊर्जा और व्यापार के प्रवाह में मदद मिलेगी. रेल और शिपिंग गलियारा ऊर्जा उत्पादों सहित देशों के बीच अधिक व्यापार को सक्षम बनाएगा. समाचार एजेंसी एएफपी ने अपनी रिपोर्ट में “भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा” को ऐतिहासिक कदम बताया है.

Tags: EU, G20, Joe Biden, Middle east, PM Modi, USA



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