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चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन के बाद ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने गगनयान मिशन की तैयारी में एक और बड़ी सफलता हासिल कर ली है। भारतीय स्पेस एजेंसी ने जानकारी दी है कि बुधवार को क्रायोजैनिक इंजन की टेस्टिंग पूरी हो गई है। खास बात है कि इसके जरिए इसरो भारतीय एस्ट्रोनॉट्स पर भेजने की तैयारी कर रहा है।
ISRO ने जानकारी दी है कि CE20 क्रायोजैनिक इंजन अब गगनयान मिशन के लिए ‘ह्यूमन रेटेड’ है। आगे जानकारी दी गई, ‘कड़े परीक्षण के बाद इंजन की क्षमता का पता चला है…।’ खास बात है कि अब यह इंजन LVM3 वाहन के ऊपरी चरण को ताकत देगा। इसरो के अनुसार, पहला मानवरहित गगनयान मिशन (G1) 2024 के दूसरी तिमाही में पूरा हो सकता है।
कैसे हुआ परीक्षण
ISRO के मुताबिक, मानव रेटिंग मानकों के तहत CE20 इंजन को योग्य बनाने के लिए चार इंजनों को अलग-अलग हालात में 39 हॉट फायरिंग टेस्ट्स से गुजरना पड़ा। यह प्रक्रिया 8 हजार 810 सेकंड तक चली। खास बात है कि योग्यता हासिल करने के लिए इंजनों को 6 हजार 350 सेकंड तक इन टेस्ट्स से गुजरना जरूरी है।
क्या है गगनयान मिशन
गगनयान मिशन के तहत इसरो तीन सदस्यों के एक क्रू को तीन दिनों के मिशन के लिए 400 किमी के ऑर्बिट में पहुंचाने की तैयारी कर रहा है। साथ ही भारतीय समुद्री क्षेत्र में उनकी सुरक्षित लैंडिंग भी इसरो के मिशन का हिस्सा है। इस मिशन का नाम संस्कृत के शब्द पर रखा गया है, जिसका मतलब आसमान तक ले जाने वाले यान होता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गगनयान प्रोजेक्ट में 9000 करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है। अगर स्पेस एजेंसी इस मिशन में सफल हो जाती है, तो भारत मानव को अंतरिक्ष में भेजने वाले चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले सोवियत संघ, अमेरिका और चीन यह ऐतिहासिक कारनामा कर चुके हैं।