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नई दिल्ली: ‘गांधी गोडसे – एक युद्ध’ (Gandhi Godse Ek Yudh) के जरिये डायरेक्टर ने दो विपरीत विचारधाराओं को आमने-सामने लाकर खड़ा कर दिया है. समय ने उन्हें अपनी बात रखने का जो मौका नहीं दिया था, वह मौका डायरेक्टर राजकुमार संतोषी ने फिल्म के जरिये देने की कोशिश की है.
‘गांधी गोडसे – एक युद्ध’ एक ऐसी काल्पनिक कहानी है, जिसमें महात्मा गांधी हमले से बच जाते हैं. फिर उनकी मुलाकात नाथुराम गोडसे से जेल में होती है. टीजर देखकर साफ हो गया है कि फिल्म के जरिये दो अलग-अलग विचारधाराओं की लड़ाई को दिखाने की कोशिश की गई है.
एक सीन में महात्मा गांधी कहते नजर आ रहे हैं, ‘अगर इस दुनिया और मानवता को बचाना है, तो हिंसा को छोड़ना होगा.’ दूसरे सीन में नाथूराम गोडसे गांधी से कहता है, ‘आपके पास सबसे बड़ा हथियार है- आमरण अनशन, जिसका बार-बार इस्तेमाल करके लोगों से अपनी बात मनवाते हैं. ये भी एक प्रकार की हिंसा है, मानसिक हिंसा.’ बता दें कि फिल्म 26 जनवरी को सिनेमाघरों में दस्तक देगी.
फिल्म की कहानी दर्शकों को 1947-48 के दौर में ले जाती है. चिन्मय मंडलेकर, दीपक अंतानी, आरिफ जकारिया और पवन चोपड़ा ने फिल्म में अहम रोल निभाए हैं. फिल्म के जरिये दो नए कलाकार बॉलीवुड में डेब्यू कर रहे हैं. तनीषा संतोषी और अनुज सैनी की यह पहली फिल्म है. फिल्म का संगीत एआर रहमान ने दिया है और राजकुमार संतोषी ने मशहूर लेखक असगर वजाहत के साथ मिलकर फिल्म को लिखा है. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर शाहरुख खान की ‘पठान’ से टकराएगी.
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Tags: Bollywood news, Mahatma gandhi
FIRST PUBLISHED : January 02, 2023, 19:53 IST
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