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हर साल दीपावली और छठ पूजा में उमड़ने वाली बंपर भीड़ के मद्देनजर केंद्र सरकार अगले चार साल में 3000 नई यात्री ट्रेनें चलाकर लंबी वेटिंग लिस्ट को समाप्त करने के मिशन पर जुट गई है। भारतीय रेलवे की इस क्षमता विस्तार से सालाना 1000 करोड़ यात्री ट्रेनों में आरामदेय सफर कर सकेंगे। इसके लिए सरकार चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है।
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हर साल करीब 5500 एलएचबी कोच बन रहे हैं। नीतिगत फैसले के तहत एलएचबी कोच पुल-पुश ट्रेन सेट तकनीक पर बनेंगे। यानी फैक्ट्री से कोच के बजाए ट्रेन बनकर निकलेगी।
इस प्रकार हर साल 225 पुल-पुश ट्रेनें (अमृत भारत एक्सप्रेस) रेलवे नेटवर्क में जुड़ जाएंगी। इसके अलावा अन्य 1600 से 1700 नई ट्रेनों को अगले चार से पांच साल में चलाना है। 2027 तक 3000 नई ट्रेनें ट्रैक पर दौड़ती नजर आएंगी। वर्तमान में रेलवे में करीब 69 हजार एलएचबी कोच उपलब्ध हैं। इन्हें भी पुश-पुल ट्रेन सेट में तब्दील किया जाएगा। ट्रेन के रुकने एवं फिर से गति पकड़ने यानी एक्सीलरेशन-डिएक्सीलरेशन में सामान्य गाड़ी से आधा वक्त लगता है। इसके परीक्षण में दिल्ली एवं हावड़ा के बीच समान रफ्तार पर चलने वाली गाड़ी के समय में दो घंटे 20 मिनट की बचत दर्ज की गयी है।
ट्रेन सेट में ऑटोमैटिक दरवाजों के साथ ही सेमी परमानेंट कपलर लगाये जाएंगे और गैंगवे को चौड़ा बनाया जाएगा। इससे गाड़ी में चलते एवं रुकते समय झटके लगने की समस्या समाप्त हो जाएगी। रेल क्षमता विस्तार के तहत प्रमुख रेलमार्गो पर तीसरी एवं चौथी लाइन बिछाने का काम तेजी से किया जा रहा है। आगामी पांच वर्ष में रेलवे नेटवर्क में करीब 27 से 30 हजार किलोमीटर नयी पटरियां बिछ जाएंगीं।
स्लीपर कोच कम करने के आरोपों को नकारा
विपक्ष द्वारा स्लीपर श्रेणी के कोचों को कम करने एवं एसी कोच बढ़ाने के आरोपों को विभाग ने निराधार बताया है। विभाग का कहना है कि नॉन एसी श्रेणी में 372 करोड़ यात्रियों ने अब तक सफर किया है। गत वर्ष की अपेक्षा 41 करोड़ अधिक यात्रियों ने सफर किया है। रेलवे का हमेशा से फोकस दुर्बल आय वर्ग, निम्न आय वर्ग एवं मध्यम आय वर्ग के यात्रियों पर रहा है। त्योहारी सीजन के लिए इंतजाम के लिए एक अक्तूबर से 31 दिसंबर के बीच नियमित ट्रेनों के अलावा 6754 विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी। गत वर्ष इसी अवधि से केवल 2614 फेरे लगाये गये थे। इस वर्ष अब तक डेढ़ माह में 2423 फेरों में 36 लाख यात्रियों को गंतव्य पर पहुंचाया जा चुका है।
रेलवे की यात्री क्षमता मौजूदा 800 करोड़ से बढ़ाकर 1,000 करोड़ करने के लिए अगले चार-पांच वर्षों में 3,000 नई ट्रेनें शुरू करने की योजना पर काम कर रहे हैं। यात्रा का समय कम करना मंत्रालय का एक और लक्ष्य है। 1,000 से अधिक फ्लाईओवर और अंडरपास को भी मंजूरी दी गई है। -अश्विनी वैष्णव, रेल मंत्री