Monday, April 28, 2025
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Google का बड़ा कबूलनामा, Gemini AI के लिए हर महीने Samsung को दी मोटी रकम – India TV Hindi


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गूगल

Google ने Samsung Galaxy स्मार्टफोन में Gemini AI पहले से इंस्टॉल करने को लेकर बड़ा कबूलनामा किया है। टेक कंपनी ने गैलेक्सी फोन में जेमिनी एआई इंस्टॉल करने के लिए हर महीने मोटी रकम सैमसंग को दी है। यह बात गूगल के वाइस प्रेसिडेंट पीटर फिजगैराल्ड (Peter Fitzgerald) ने कंफर्म किया है। दरअसल, गूगल पर इन दिनों अमेरिकी कोर्ट में एंटी-ट्रस्ट ट्रायल चल रहा है, जिसमें कंपनी द्वारा नियमों के उल्लंघन और मोनोपोली को लेकर सुनवाई की जा रही है।

गूगल का बड़ा कबूलनामा

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, Google के वाइस प्रेसिडेंट ने अपने कबूलनामे में कहा कि कंपनी द्वारा एंटीट्रस्ट कानून का उल्लंघन पाए जाने के बावजूद Google ने इस साल जनवरी में सैमसंग को भुगतान करना शुरू कर दिया। गूगल जेमिनी की ये डील दो साल की है, जिसमें फिक्स्ट मंथली पेमेंट के अलावा सैमसंग को जेमिनी ऐप के सब्सक्रिप्शन के रेवेन्यू का कुछ प्रतिशत हिस्सा दिया जाता है।

डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के वकील डेविड डैहलक्विस्ट ने इस फिक्स्ड मंथली पेमेंट को मोटी रकम कहा है। हालांकि, न तो गूगल और न ही डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने यह साफ नहीं किया है कि कितनी रकम दी गई है। गूगल पर अमेरिकी कोर्ट में इन दिनों एंटी-ट्रस्ट ट्रायल चल रहा है, जिसमें जस्टिस अमित मेहता ने गूगल को कटघरे में रखते हुए कहा कि सैमसंग फोन पर अपने ऐप्स को डिफॉल्ट के रूप में सेट करने के लिए कंपनियों को भुगतान करने की प्रथा एंटीट्रस्ट कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन थी।

सैमसंग को दी मोटी रकम

हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब गूगल ने एंटी-ट्रस्ट के नियमों का उल्लंघन किया है। गूगल पर सैमसंग के फोन में ऐप्स इंस्टॉल करने के लिए मोटी रकम देने का आरोप है। रिपोर्ट के मुताबिक, टेक कंपनी ने इसके लिए सैमसंग को 8 बिलियन डॉलर (लगभग 6.8 लाख करोड़ रुपये) का भुगतान किया है। यही नहीं, 2022 में गूगल पर एप्पल को सफारी ब्राउजर में डिफॉल्ट सर्च इंजन बने रहने के लिए 20 बिलियन डॉलर (करीब 17 लाख करोड़ रुपये) के भुगतान का भी आरोप है।

गूगल पर मोनोपोली करने के इस तरह के कई आरोप लग चुके हैं। कंपनी अपने मोनोपोली बनाए रखने के लिए कई हथकंडे अपनाती रहती है ताकि ऑनलाइन ऐड मार्केट में उसकी बादशाहत बनी रहे। गूगल पर इस तरह के आरोप आने वाले समय में कंपनी को इस तरह के डील करने से बैन कर सकता है। 

यह भी पढ़ें – सोशल मीडिया और OTT पर नहीं दिखेंगे अश्लील कंटेंट, सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई सख्ती





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