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सॉफ्टवेयर कंपनी गूगल ने गुरुवार को एक बार फिर कंपनी से लेऑफ किया है और इस बार भर्तियां करवाने वाले रिक्रूटर्स की जॉब गई है। दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक ने अपने सैकड़ों रिक्रूटर्स को पिंक स्लिप देते हुए बताया है कि उनकी नौकरी जा रही है। इस बारे में लेऑफ से जुड़े तीन लोगों ने जानकारी दी और न्यू यॉर्क टाइम ने अपनी रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की है।
टेक कंपनी गूगल के रिक्रूटिंग ग्रुप में अभी 3000 से ज्यादा कर्मचारी हैं और इस साल कई लेऑफ अब तक देखने को मिले हैं। यह संकेत है कि गूगल और उसकी पैरेंट कंपनी अल्फाबेट अपनी वर्कफोर्स और खर्चों को कम करना चाहते हैं। याद दिला दें, इस साल की शुरुआत में भी गूगल ने एकसाथ करीब 12,000 कर्मचारियों की छुट्टी की थी।
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AI में निवेश कर रहा है गूगल
हाल ही में टेक कंपनियों में ऐसे कई लेऑफ देखने को मिले हैं और माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन और ट्विटर (अब X) के भी हजारों कर्मचारियों को अचानक नौकरी गंवानी पड़ी है। गूगल के फैसले से साफ हो गया है कि अब भी हालात सुधरे नहीं हैं। कंपनी लगातार आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) में निवेश कर रही है और आने वाले वक्त में AI भी हजारों नौकरियां जाने की वजह बन सकता है।
कम हो गई रिक्रूटर्स की जरूरत
अचानक लिए गए इस फैसले पर गूगल स्पोक्सवूमन कर्टनी मेंसिनी ने कहा, “हमें अपनी रिक्रूटिंग टीम में कटौती करने का मुश्किल फैसला लेना पड़ रहा है।” उन्होंने बताया कि अब कंपनी को ज्यादा रिक्रूटर्स की जरूरत नहीं है और नई नौकरियां भी पहले के मुकाबले बहुत कम आ रही हैं। यही वजह है कि इस बार रिक्रूटर्स पर गाज गिरी है।
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हो रही इस फैसले की आलोचना
कंपनी CEO सुंदर पिचाई पिछले करीब एक साल से कर्मचारियों पर खर्च कम करने और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने का दबाव डालते रहे हैं। यही वजह है कि एक बार फिर हुए लेऑफ पर मौजूदा और पूर्व गूगल कर्मचारियों ने जमकर आलोचना की है। माना जा रहा है कि गूगल ने पहले जरूरत से ज्यादा भर्तियां कीं और अब इसका नुकसान कर्मचारियों को उठाना पड़ रहा है।