सौरभ तिवारी/गोपालगंज. अगर पेड़ा खाने के शौकीन हैं तो यह खबर आपके ही लिए है. गोपालगंज जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर की दूरी पर भोरे रोड से सटा एक छोटा सा बाजार लखराब है. इस छोटे से बाजार में 17 से 18 पेड़ा की दुकाने हैं. इस रास्ते से गुजरने वाले लोग लखराब में थोड़ी देर रुककर यहां के मशहूर पेड़े का स्वाद जरूर चखते हैं.
शुद्ध दूध से बने पेड़े के लिए यह जगह काफी प्रसिद्ध है. लखराब का पेड़ा बिहार के गोपालगंज, छपरा, सीवान सहित उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिले के लोग पसंद करते हैं. यही वजह है कि लोग जब भी इस इलाके से गुजरते हैं पेड़ा खाना और साथ ले जाना नहीं भूलते हैं. यदि आपका गोपालगंज आना होता है लखराब के पेड़ा का स्वाद लेना न भूलें.
पेड़ा तैयार करने के लिए हर वक्त चूल्हे पर खोलते रहता है दूध
पेड़ा दुकान संचालक योगिंदर कुमार बताते हैं कि लखराब पेड़ा के लिए काफी मशहूर है. एक दौर में यह इलाका जंगल हुआ करता था. जहां छोटे-छोटे झोपड़ीनुमा दुकान में पेड़ा बनाया जाता था. अब यहां 17 से 18 पेड़ा की दुकाने हैं. यहां हर वक्त पेड़ा बनते रहता है. लेकिन ज्यादा मात्रा में पेड़ा नहीं बनाया जाता है. दुकानदार चुल्हे पर कड़ाही में 3 से 5 तीन किलो दूध हर वक्त खौलाते रखते हैं. ग्राहक का ऑर्डर आने पर सामने हीं पेड़ा बनाकर दे दिया जाता है.
5 लीटर दूध से एक किलो पेड़ा
योगिंदर कुमार ने बताया कि कोयले की भट्ठियां हमेशा जलती रहती हैं. इन पर सैकड़ों लीटर दूध खौलते रहता है. एक किलो शुद्ध पेड़ा तैयार करने में करीब 5 लीटर दूध और उसमें स्वादानुसार चीनी की मात्रा मिलाई जाती है. तब जाकर शुद्ध पेड़ा बनता है. लखराव में शुद्ध दूध से बनने वाले इस पेड़े की गुणवत्ता के कारण लोग दूरदराज से यहां पहुंचते हैं. शादी-विवाह हो या फिर कोई त्योहार, यहां से लोग पेड़ा लेकर जाना नहीं भूलते हैं.
500 रुपये प्रति किलो बिकता है लखराब में शुद्ध पेड़ा
दुकानदार योगिंदर कुमार ने बाताया कि लखराब में आपको पेड़ा 10 रुपये पीस में मिलेगा. वहीं 500 रुपये प्रति किलो के हिसाब से ग्राहकों को बेचा जाता है. एक दुकान में रोजाना लगभग 50 किलो दूध की खपत है. प्रत्येक दुकानदार सुबह से शाम तक में 5 किलो तक पेड़ा बेच लेता है. वहीं 3 से 4 हजार तक का कारोबार आसानी से हो जाता है. पेड़ा खाने आए अनिल कुमार ने बताया कि यहां पेड़े की खास बात है कि चीनी काफी कम डाला जाता है. जिससे खाने में अलग ही टेस्ट आता है. यहां का पेड़ा शुद्ध के साथ-साथ स्वादिष्ट भी होता है.
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FIRST PUBLISHED : May 25, 2023, 10:26 IST