काबुल में हुए आत्मघाती हमले में पूर्व अफगान प्रधानमंत्री गुलबुद्दीन हिकमतयार की बाल-बाल जान बची है। हमला उनकी पार्टी के कार्यालय को निशाना बनाकर किया गया था। इस हमले में कई हमलावरों के मारे जाने की खबर है। गुलबुद्दीन हिकमतयार को उसकी क्रूरता के कारण काबुल का कसाई भी कहा जाता है।