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गुलजार साहब को उनकी कलमकारी के लिए सलाम किया जाता है। अक्सर उनके लिखी शायरियां सोशल मीडिया पर खूब पसंद की जाती हैं। अक्सर उनकी शायरियां प्यार और जिंदगी से जुड़ी होती हैं। यहां पढ़िए उनकी लिखी कुछ बेस्ट शायरियां।
बहुत मुश्किल से करता हूं, तेरी यादों का कारोबार,
मुनाफा कम है, पर गुजारा हो ही जाता है।
बेहिसाब हसरते ना पालिये
जो मिला हैं उसे सम्भालिये
कब आ रहे हो मुलाकात के लिए़,
मैंने चांद रोका है एक रात के लिए।
कुछ रिश्तों में मुनाफा नहीं होता
पर जिंदगी को अमीर बना देते हैं।
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ,
किसी की आंख में हम को भी इंतिजार दिखे।
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला,
जब से डिग्रियां समझ में आयी पांव जलने लगे हैं।
तुझे पहचानूंगा कैसे? तुझे देखा ही नहीं
ढूंढा करता हूं तुम्हें अपने चेहरे में ही कहीं
कुछ जख्मों की उम्र नहीं होती हैं,
ताउम्र साथ चलते हैं,
जिस्मो के खाक होने तक
ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ
बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती हैं।
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया।
थोड़ा सा रफू करके देखिए न
फिर से नै सी लगेगी, जिंदगी ही तो है।
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फोटो- इंस्टाग्राम
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