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Happy Teachers Day 2023 Wishes, Messages, Quotes: हर साल की तरह इस बार भी 5 सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर देश में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। हमें जीवन में कुछ भी सीखने के लिए शिक्षक की जरूरत होती है। शिक्षक ही वह सीढ़ी होता है जिसके दिए ज्ञान से हम कामयाबी की बुलंदियां छूते हैं। टीचर्स डे ( Teacher’s Day ) का दिन वह अवसर होता है, जब हम अपने शिक्षकों को उनके मार्गदर्शन और ज्ञान देने के लिए तहे दिल से धन्यवाद देते हैं। ये दिन उनका सम्मान करने का दिन है। आप अपने शिक्षकों को नीचे दिए गए मैसेज, कोट्स, शायरी और तस्वीरें भेजकर हैप्पी टीचर्स डे ( Happy Teacher’s Day ) कह सकते हैं -
गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥
शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं
गुरु तेरे उपकार का,
कैसे चुकाऊं मैं मोल,
लाख कीमती धन भला,
गुरु हैं मेरे अनमोल
Happy Teachers Day
अक्षर-अक्षर हमें सिखाते शब्द-शब्द का अर्थ बताते, कभी प्यार से कभी डांट से, जीवन जीना हमें सिखाते।
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
अज्ञान का अंधेरा मिटने से जीवन में ज्ञान की रोशनी आई है
गुरु कृपा से मैने ये अनमोल शिक्षा पाई है
Happy Teacher’s Day
जो बनाए हमें अच्छा और सच्चा इंसान,
दे सही-गलत की पहचान,
उन शिक्षकों को कोटि-कोटि प्रणाम।
Happy Teachers’ Day
Teachers Day Speech in Hindi : कल शिक्षक दिवस पर दें यह छोटा और सरल भाषण
गुरु का स्थान सबसे ऊंचा
गुरु बिन कोई ना दूजा
गुरु करे सबकी नैया पार
गुरु की महिमा सबसे अपार
Happy Teachers’ Day
साक्षर हमें बनाते हैं
जीवन क्या है समझाते हैं
जब गिरते हैं हम हार कर तो साहस वही बढ़ाते हैं
ऐसे महान व्यक्ति ही शिक्षक कहलाते हैं
शिक्षक दिवस पर सभी गुरुजनों को कोटि-कोटि प्रणाम
Happy Teachers’ Day
किस तरह ‘अमानत’ न रहूँ ग़म से मैं दिल-गीर
आँखों में फिरा करती है उस्ताद की सूरत
-अमानत लखनवी
अपना ज्ञान का भण्डार हमारे साथ शेयर करने के लिए हम सदा आपके आभारी रहेंगे। शिक्षक दिवस पर हमारा अभिवादन स्वीकार करें। हैप्पी टीचर्स डे!
गुरु को लेकर कुछ श्लोक –
प्रेरकः सूचकश्वैव वाचको दर्शकस्तथा । शिक्षको बोधकश्चैव षडेते गुरवः स्मृताः ॥
अर्थ – प्रेरणा देनेवाले, सूचन देनेवाले, सच बतानेवाले, रास्ता दिखानेवाले, शिक्षा देनेवाले, और बोध करानेवाले – ये सब गुरु समान हैं।
निवर्तयत्यन्यजनं प्रमादतः स्वयं च निष्पापपथे प्रवर्तते ।
गुणाति तत्त्वं हितमिच्छुरंगिनाम् शिवार्थिनां यः स गुरु र्निगद्यते ॥
यानी कि जो दूसरों को प्रमाद करने से रोकते हैं, स्वयं निष्पाप रास्ते से चलते हैं, हित और कल्याण की कामना रखनेवाले को तत्त्वबोध कराते हैं, उन्हें गुरु कहते हैं।
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