शशिकांत ओझा/पलामू: हरतालिका तीज का त्योहार नजदीक आ रहा है. इसके लिए बाजार में महिलाओं की चहल पहल भी बढ़ गई है. बता दें कि हरतालिका तीज का त्योहार मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं द्वारा किया जाता है. इस दिन महिलाए उपवास रखबकर भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करती हैं. वहीं सदा सुहागन रहने की कामना भी करती है. इस पूजा में प्रसाद के रूप में पिरुकिया का विशेष महत्व है. घी का बने पिरुकिया से महिलाएं भगवान को भोग लगाती हैं.
डाल्टनगंज शहर के मुख्य बाजार स्थित पंजाब नेशनल बैंक के नीचे बीटू तिलकुट भंडार के संचालक राज कुमार चंद्रवंशी ने लोकल 18 को बताया कि वो पिछले कई सालों से हरतालिका तीज पर पिरुकिया बना रही हैं. पिछले साल उनके यहां 5 क्विंटल मैदा की पिरुकिया की बिक्री हुई थी. इस वर्ष भी वही लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. उन्होंने बताया कि तीज से 8 दिन पूर्व 10 कारीगर मिलकर पिरुकिया बनाना शुरू करते हैं. हर दिन लगभग 50 केजी मैदा का पिरुकिया बनाया जाता है. पूजा के लिए शुद्ध घी से पिरुकिया बनाए जाते हैं.
ये है पिरुकिया की कीमत
वहीं खाने के लिए खोए और सूजी का पिरुकिया रिफाइन से बनाए जाते हैं. घी की पिरुकिया 500 रुपए किलो के हिसाब से दिया जा रहा है. वहीं रिफाइन में बने खोए का पिरुकिया 300 रुपए और सूजी का 200 रुपए केजी के हिसाब से मिलता है.
ऐसे बनाते है पिरुकिया
उन्होंने बताया की खोआ का पिरुकिया बनाने के लिए सबसे पहले खोआ को भुना जाता है, जिसके बाद उसे ठंडा होने के लिए रख दिया जाता है. वहीं मैदा को अच्छी तरह चालकर गूथकर इसे तैयार किया जाता है. जिसके बाद खोए में छोटा कटा हुआ सुखा नारियल, इलाइची, जफर और चीनी को मिलाया जाता है. इसके बाद तैयार मैदा को बेलकर उसमे खोए को भरा जाता है. जिसके बाद उसे 15 मिनट घी या रिफाइन में छाना जाता है. यह पूरा प्रोसेस करने में 1 घंटे का समय लगता है. वहीं इसी तरह सूजी का भी पिरुकिया तैयार किया जाता है.
पिरुकिया का लगता है भोग
डाल्टनगंज निवासी गीता देवी ने बताया कि वो पिछले 12 वर्षो से तीज का त्योहार कर रही है. इस दिन सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगारकर से तैयार होती हैं. वहीं उपवास रखकर अपने पति की लंबी उम्र के लिए भगवान शंकर से कामना करती हैं. इस त्योहार का महिलाएं साल भर इंतजार करती हैं. इस दिन पिरुकिया का प्रसाद के रूप में विशेष महत्व होता है. ज्यादातर महिलाएं इसे घर में खुद तैयार करती हैं. यह पुरानी परंपरा सदियों से चली आ रही है. हम भी अपने घर में ही पिरुकिया को प्रसाद हेतु शुद्ध घी में तैयार कर भगवान शंकर की पूजा करते है.
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FIRST PUBLISHED : September 12, 2023, 17:27 IST