Symptoms and Treatment of Heart Attack: बीमारी होने की न तो कोई उम्र होती है और न ही कोई समय होता है. बीमारी कभी भी किसी को हो सकती है. लेकिन, अगर हम अपनी लाइफ स्टाइल और खान-पान पर विशेष ध्यान रखें तो काफी हद तक बीमारियों से दूर रह सकते हैं. हालांकि बीमार होने का काफी कुछ रोल हमारी उम्र का भी होता है. जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है बीमार होने का खतरा बढ़ने लगता है. 30 की उम्र पर पहुंचना या फिर इसे पार करना हमारे स्वास्थ्य के लिए एक ऐसा मोड़ होता है जिसमें स्वास्थ्य में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं.
अकसर लोग कहते हैं कि 30 की उम्र पार करते ही जोड़ों में दर्द, अधिक थकान महसूस करना और साथ ही सहनशक्ति का कम होना महसूस होने लगता है. इन समस्याओं के अतिरिक्त 30 के बाद हार्ट संबंधि जोखिम भी बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है. हेल्थशॉट्स हालांकि अगर हम एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, पौष्टिक आहार लें और एक्सरसाइज करें तो दिल के जोखिम को कम कर सकते हैं.
पिछले कुछ समय में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं. अब तो यह समस्या कम उम्र के लोगों में भी देखने को मिल रही है. कुछ आंकड़े यह बताते हैं कि हार्ट अटैक के कुल मामलों में 40 साल से कम उम्र के लोगों का प्रतिशत करीब 40 प्रतिशत है. यह काफी हैरान करने वाला आंकड़ा है. इसलिए जरूरी है कि अगर आप 30 साल की उम्र पार कर रहे हैं तो अपने हार्ट के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें.
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हार्ट अटैक का कारण
वैसे तो दिल के दौरे के कई कारण हो सकते हैं लेकिन, कोरोनरी आर्टरी डिजीज सबसे ज्यादा हार्ट अटैक का कारण बनता है. कोरोनरी धमनी रोग में, एक या अधिक हृदय धमनियां का मार्ग संकरा हो जाता है जिससे ब्लड की सप्लाई हार्ट तक ठीक से नहीं हो पाती. इसका सबसे बड़ा कारण होता है धमनियों में कोलेस्ट्रॉल का जम जाना जिले मेडिकल टर्म में प्लॉक कहते हैं. ब्लड का रुकना ही हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण बनता है.
हार्ट अटैक आने के सामान्य लक्षण
– सीने में दर्द होना
– सीने में जकड़न महसूस करना
– दर्द या बेचैनी बने रहना
– पसीना आने पर ठंड महसूस होना
– थोड़ी सी मेहनत पर थक जाना
– अचानक चक्कर आना
– मचली महसूस होना
– सांस लेने में कठिनाई होना
– बाएं हाथ मे दर्द महसूस होना
30 की उम्र के बाद दिल का ऐसे रखें ख्याल
पौष्टिक और हेलदी डाइट का सेवन करें: अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार खाना बहुत जरूरी है. 30 की उम्र के बाद हमें अपने डेली रूटीन में उच्च फाइबर कम वसा वाले आहार को बढ़ावा देना चाहिए. ताजी सब्जियां, फल, बीन्स, कम वसा वाले डेयरी खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए. इसके साथ ही नमक, चीनी, शराब, रेड मीट का सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए.
धूम्रपान बंद करें या कम करें: युवाओं में दिल के दौरे के बढ़ते खतरे का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान है. इसलिए अगर आप धूम्रपान के आदी हैं तो आपको इस आदत पर रोक लगानी होगी. धूम्रपान से रक्तचाप और सूजन को बढ़ावा मिलता है जिससे धमनियों वसा जमने लगता है. धूम्रपान छोड़ने के करीब एक साल बाद हृदय रोग का खतरा 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है.
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शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा दें: फिजिकल एक्टिविटी का न होना भी हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाता है. शारीरिक गतिविधि न होने से वजन बढ़ने लगता है और इससे रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को बढ़ावा मिलता है. हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो हर किसी को प्रति सप्ताह 150 मिनट हल्की गतिविधि वाले व्यायाम करना चाहिए. हार्ट डिजीज के खतरे को कम करन के लिए एरोबिक एक्सरसाइज का सहारा ले सकते हैं.
स्वस्थ वजन बनाए रखें: स्वस्थ वजन और बॉडी मास इंडेक्स को मेंटेन रखकर भी दिल के दौरे के जोखिम को रोका जा सकता है. अधिक वजन और मोटापा हार्ट के अलावा दूसरी कई गंभीर बीमारियों को भी बुलावा देता है इसलिए वजन पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
अपने सोने के तरीके को नियमित करें: खराब नींद आपको कई तरह से परेशान कर सकती है. नींद न पूरी होने से डिप्रेशन और चिंता जैसी समस्याएं तो होती ही हैं इससे हार्ट अटैक का भी खतरा बढ़ जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट अच्छे स्वास्थ्य के लिए हर किसी को प्रतिदिन 7-8 घंटे की नींद पूरी करने की सलाह देते हैं.
तनाव कम करें: तनाव कोर्टिसोल और दूसरे हार्मोन को बढ़ाता है, जो हृदय के लिए बहुत अधिक हानिकारक है. इसलिए अगर आप तनाव करते हैं तो हार्ट अटैक का जोखिम भी कई गुना बढ़ जाता है.
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Tags: Health, Heart attack, Heart Disease, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : January 15, 2023, 06:00 IST