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हाइलाइट्स
हाई ब्लड शुगर के लक्षण धीरे-धीरे दिखने शुरू होते हैं. इसे दिखने में कई दिन से कई सप्ताह लग सकते हैं.
जब ब्लड शुगर लेवल 200 से ज्यादा हो जाए तो दिल से संबंधित कई दिक्कतें सामने आने लगती है.
Diseases Cause by High Blood Sugar: डायबिटीज कई बीमारियों की जड़ है. डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल बहुत बढ़ जाता है. ब्लड शुगर लेवल जब 200 के पार हो जाए तो उसे हाइपरग्लेसेमिया (hyperglycemia) कहते हैं. यानी हाई ब्लड शुगर हो गया है. इस स्थिति में शरीर के कई अंग प्रभावित हो जाते हैं और कई अंगों के डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है. डायबिटीज के मरीजों में हाइपरग्लेसेमिया के कई कारण हो सकते हैं. अगर डाइट हेल्दी न हो और लाइफस्टाइल शिथिल हो, तो भी हाई ब्लड शुगर हो सकती है. इसके अलावा डायबिटीज की स्थिति में और अन्य बीमारियों की ली जाने वाली दवा भी हाई ब्लड शुगर का कारण हो सकती है. गंभीर डायबिटीज होने पर अगर व्यक्ति इंसुलिन नहीं लेता तो भी हाई ब्लड शुगर हो सकती है. इसलिए हाइपरग्लेसेमिया यानी हाई ब्लड शुगर का इलाज तुरंत आवश्यक है, वरना शरीर के कई अंग खराब हो सकते हैं जो अंततः जानलेवा भी साबित हो सकता है.
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हाई ब्लड शुगर के लक्षण
मायो क्लिनिक के मुताबिक आमतौर पर शुरुआत में हाई ब्लड शुगर या हाइपरग्लेसेमिया के लक्षण नहीं दिखते. जब ब्लड शुगर लेवल 180 से 200 के पार पहुंचता है तब शरीर में लक्षण दिखने लगते हैं. हाई ब्लड शुगर के लक्षण धीरे-धीरे दिखने शुरू होते हैं. इसे दिखने में कई दिन से कई सप्ताह लग सकते हैं. हालांकि जो लोग टाइप 2 डायबिटीज के बहुत दिनों से शिकार हैं, उनमें ये लक्षण दिखते ही नहीं है. इसलिए उन्हें रेगुलर ब्लड शुगर टेस्ट कराना चाहिए. जिन लोगों ने जांच नहीं कराई है, उन लोगों में अगर ब्लड शुगर लेवल 200 के पार पहुंचता है तो उनमें कुछ लक्षण शुरू से दिखने लगते हैं. जैसे, बार-बार पेशाब लगना, बहुत अधिक प्यास लगना, देखने में दिक्कत होना और कमजोरी महसूस करना आदि. जब शुगर लेवल और अधिक हो जाता है तो सांसें बदबूदार होने लगती है. इसके साथ ही मुंह सूखने लगता है और पेट में भी दर्द होने लगता है. सांस लेने में तकलीफ, मतिभ्रम और सोचने की शक्ति में कमी भी इसके लक्षण है.
शरीर के इन अंगो पर खतरनाक असर
जब ब्लड शुगर लेवल 200 से ज्यादा हो जाए तो दिल से संबंधित कई दिक्कतें सामने आने लगती है. इस स्थिति में नर्व यानी नसें डैमेज हो सकती है. डायबेटिक नेफ्रोपेथी यानी किडनी डैमेज और किडनी फेल्योर का जोखिम बढ़ जाता है. एक तरह से हार्ट, किडनी, हड्डियां, दांत आदि कमजोर होने लगते हैं. इसके साथ ही फुट अल्सर की परेशानी बढ़ सकती है. फुट अल्सर में मरीजों के पैरों में छाले पड़ने लगते हैं जिसका समय पर इलाज करना जरूरी है. फुट अल्सर के कारण स्किन प्रोब्लम भी शुरू हो जाता है और दांतों में इंफेक्शन होने लगता है.
कैसे करें कंट्रोल
यदि आप डायबेटिक हैं तो नियमित रूप से डॉक्टर के संपर्क में रहे. अगर आपको अभी पता चला है तो डॉक्टर के पास जाएं और सभी तरह की जांच कराएं. रेगुलर ब्लड शुगर चेक करते रहे. डायबिटीज डाइट प्लान बनाएं. सीजनल सब्जियां, हरी पत्तीदार सब्जियां, स्प्रॉउट आदि का सेवन करें, बाहर की चीजें न खाएं. करेले का जूस, मेथी की सब्जी, चिया सीड्स, नट्स आदि डायबिटीज में फायदेमंद है. इससे ज्यादा जरूरी यह है कि आप प्रोसेस्ड फूड, मीठी चीजें ज्यादा तली-भूनी चीजें, सिगरेट, शराब को हाथ भी न लगाएं. रेगुलर एक्सरसाइज करें. ब्लड शुगर 200 के पार पहुंचने पर डायरिया या उल्टी भी हो सकती है, तो इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.
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Tags: Blood Sugar, Diabetes, Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : December 21, 2022, 18:20 IST
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