बरेली के ग्रेम गांव का एक युवक। सपना था सरकारी नौकरी का मगर कंप्टीशन के दौर में पिछड़ता चला गया। एक-दो अंक से हर बार मेरिट में पिछड़े तो नौकरी करने की बात दिमाग से ही निकाल दी।
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बरेली के ग्रेम गांव का एक युवक। सपना था सरकारी नौकरी का मगर कंप्टीशन के दौर में पिछड़ता चला गया। एक-दो अंक से हर बार मेरिट में पिछड़े तो नौकरी करने की बात दिमाग से ही निकाल दी।
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