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Deoria News: पूर्वांचल को कभी अति पिछड़ा माना जाता था। आर्थिक गतिविधियों में यह इलाका फिसड्डी था ही, हेल्थ इंडीकेटर्स में भी प्रदर्शन काफी खराब था। हाल के कुछ वर्षों में माहौल बदला तो हालात भी बदलने लगे। अब पूर्वांचल का यह जिला न सिर्फ सीमावर्ती क्षेत्रों की बल्कि बिहार की सेहत भी सुधार रहा है। जी हां, बात हो रही है देवरिया जनपद की। देवरिया में स्वरोजगार का माहौल बना तो अब यहां से हर महीने लाखों अंडे बिहार में भेजे जा रहे हैं। कैसे आया बदला? इसे चंद उदाहरणों के जरिए समझा जा सकता है…
दुबई से आए, माहौल बदला देख स्वरोजगार शुरू कर दिया
देसही देवरिया ब्लाक के शामपुर निवासी सहाबुद्दीन कई साल दुबई में रहे। वह वर्ष 2018 में घर आए। यहां की संभावनाएं देखीं। इसके बाद स्वरोजगार करने का निर्णय लिया। उन्होंने गांव में ही अंडा उत्पादन के लिए साढ़े छह हजार पक्षी की क्षमता का लेयर फार्म खोला। उनकी मेहनत और बाजार में मांग के चलते उनका यह धंधा चल निकला। घर परिवार के बीच रहकर वह अच्छी आमदनी कर रहे हैं। वर्तमान में उनके फार्म में पांच हजार अंडा देने वाली मुर्गियां हैं। अंडा फार्म की आमदनी से वह अच्छे से परिवार चला रहे हैं तथा बच्चों को उंची तालीम भी दिला रहे हैं।
सऊदी अरब से ज्यादा कमाई गांव में कर रहे
मूल रूप से रामपुर कारखाना ब्लाक के पोखरभिंडा निवासी जमील अहमद सिद्दीकी शहर के अबूबकर नगर में रहते हैं। करीब सात साल पहले तक वह सऊदी अरब में कमाते थे। घर आने के बाद पहले अपने एक रिश्तेदार के साथ मिलकर 35 लाख रुपये की लागत से 6 हजार मुर्गी का तरकुलवा ब्लाक के कोटवा में अण्डा फार्म खोला। पूंजी निकलने के बाद अच्छा मुनाफा होने पर जमील देसही देवरिया ब्लाक के कौलाछापर में किराये पर जमीन लेकर दूसरा अण्डा फार्म खोल लिया। अब उन्हे यह धंधा रास आने लगा है। वह अपने घर परिवार में सऊदी से अच्छा पैसा कमा रहे हैं।
देवरिया में 185 लेयर फार्म
पिछले सात वर्षो के दौरान देवरिया में पोल्ट्री उद्योग का तेजी से विस्तार हुआ है। अच्छा मुनाफा देख अण्डा फार्म खोलने में युवाओं की रुचि बढ़ी है। कभी सऊदी अरब में अधिक संख्या में रहने वालों के चलते चर्चित रहा तरकुलवा ब्लाक का कोटवां गांव की पहचान अब अण्डा फार्म से हो रही है। इस गांव में एक दर्जन लेयर फार्म हैं। इनमें कई पहले विदेश रहते थे, लेकिन अब वह गांव में रहकर उससे अधिक पैसा कमा रहे हैं। जिले में कुल 185 लेयर फार्म से हर महीने 43 लाख अण्डे का उत्पादन हो रहा है।
पहले दूसरे राज्यों से आता था अंडा, अब भेजने लगे
पहले देवरिया के लोग आध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा के अण्डे पर निर्भर थे और वह महंगा भी मिलता था। लेकिन अब यहां के अण्डे की खपत जिले के अलावा बिहार में हो रही है। देवरिया से कुशीनगर, गोरखपुर, महराजगंज और बिहार के गोपालगंज, सीवान, छपरा, मुजफ्फरपुर अंडे की आपूर्ति हो रही है। डिमांड बढ़ने से फार्म वालों को अच्छा रेट भी मिल जाता है। बिहार के कारोबारी अण्डा का एडवांस पैसा देते हैं तथा खुद वाहन लेकर अंडा लेकर चले जाते हैं। इस समय जाड़े के सीजन में अण्डे की मांग काफी बढ़ गयी है। बढ़ती मांग को देखते हुए कारोबारी अण्डा फार्म मालिकों से संपर्क कर एडवांस पैसा देकर अपना अण्डा रिजर्ब करनें में लगे हुए हैं।
आठ लाख अंडे की रोजाना खपत
देवरिया जिले में जाड़े का सीजन शुरू होते ही अंडे की मांग बढ़ जाती है। औसत दिनों में हर महीने 43 लाख अंडे की खपत होती है। लेकिन जाड़ा शुरू होते ही प्रतिदिन अंडे की खपत सात से आठ लाख अंडे की होती है। जिले के पोल्ट्री फार्मों में उत्पादन होने के बाद भी कुछ कारोबारी बाहर से अंडा मंगाते हैं। पहले पंजाब और आंध्रप्रदेश से सात से आठ ट्रक अंडे प्रतिदिन देवरिया आते थे। यह आंकड़ा घटकर दो से तीन ट्रक पर आ गया है। कीमत की प्रतिस्पर्धा के चलते कुछ ट्रक बाहर के अंडे भी आते हैं।
12 से 15 हजार लोगों को मिला है रोजगार
पशुपालन विभाग के ऑकड़ो के अनुसार पोल्ट्री उद्योग से वर्तमान में करीब 12 से 15 हजार लोगों को रोजगार मिला है। पोल्ट्री फार्मो पर बिहार से आने वाले मजदूर ज्यादातर काम करते हैं। व्यवसाय का विस्तार होने से थोक कारोबारियों की संख्या दर्जन भर से बढ़ कर सौ से अधिक हो गई है। इस कारोबार की से आजीविका चलाने वालों में सबसे अधिक संख्या छोटे कारोबारियों की है। ये लोग अंडा रोल से लेकर आमलेट, अंडा करी, लिट्टी अंडा जैसे धंधे से जुड़े हैं।
ब्याज की प्रतिपूर्ति करेगा पशुपालन विभाग
जिले में अण्डा फार्मो की संख्या बढ़ाने और इसे खोलने पशुपालन विभाग मददगार साबित हो रहा है। पशुपालन विभाग की योजना अंतर्गत 10 हजार लेयर फार्म खोलने पर 14.61 लाख, 30 हजार पक्षी के लेयर फार्म पर 37.71 लाख 60 हजार मुर्गी का लेकर फार्म खोलने पर 72.30 लाख रूपये बैंक को 5 से 7 वर्ष तक कर्ज के ब्याज की प्रतिपूर्ति किया जाता है। जबकि 10 हजार ब्रायलर पर 42.47 लाख ब्याज की प्रतिपूर्ति की जाती है।
रजिस्ट्री के स्टांप डयूटी, बिजली में छूट
लेयर व ब्रायलर फार्म खोलने पर बैंक से लिये कर्ज पर ब्याज की प्रतिपूर्ति के अलावा योजना के तहत पशु पालन विभाग द्वारा स्टाम्प डयूटी व विद्युत शुल्क में भी छूट दिया जाता है। 30 हजार लेयर फार्म पर 2.5 एकड़, 10 हजार लेयर फार्म पर 1 एकड़, 60 हजार कामर्शियल लेयर फार्म तथा 10 हजार ब्रायलर पैरेंट पर 4.0 एकड़ पर रजिस्ट्री कराने पर स्टांप ड्यूटी में शत-प्रतिशत छूट दी जायेगी। जबकि कुक्कुट इकाइयों को विद्युत बिल में 10 वर्षों तक इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी में शत-प्रतिशत छूट दी जायेगी।
युवाओं में फार्मिंग को लेकर बढ़ा क्रेज
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अरविंद कुमार बैश्य बताते हैं कि देवरिया में अण्डा फार्म खोलने में युवाओं की रुचि बढ़ी है। इसके चलते कुछ सालों में अंडा उत्पादन को 185 लेयर फार्म तथा 350 ब्रायलर फार्म खुल गये हैं। अंडा और मुर्गों की सप्लाई बिहार तथा आस-पास जिलों तक हो रही है।
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