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कोई भी सार्वजनिक काम सामूहिक इच्छाशक्ति के बिना पूरा नहीं हो सकता। चाहे वह इलाके की साफ-सफाई हो, क्षेत्र का विकास या फिर बदलाव की कोई नई पहल। मुरादाबाद के एक गांव के ग्रामीणों ने भी कुछ ऐसा कर दिखाया।
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