Home Life Style Honey Purity Test: जानिए वैज्ञानिक से: शहद असली है या मिलावटी? कब होता है खराब और क्या बन सकता है जहर

Honey Purity Test: जानिए वैज्ञानिक से: शहद असली है या मिलावटी? कब होता है खराब और क्या बन सकता है जहर

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Honey Purity Test: जानिए वैज्ञानिक से: शहद असली है या मिलावटी? कब होता है खराब और क्या बन सकता है जहर

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Honey Purity Test: डॉ. नागेंद्र कुमार के अनुसार, सही रख-रखाव से शहद वर्षों तक खराब नहीं होता. मिलावटी शहद पानी में घुलता है, जबकि असली शहद नीचे बैठता है. शहद की गुणवत्ता पहचानना जरूरी है.

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शहद

शहद एवं पानी

हाइलाइट्स

  • शहद सही रख-रखाव से वर्षों तक खराब नहीं होता
  • मिलावटी शहद पानी में घुलता है, असली नीचे बैठता है
  • शुद्ध शहद की पहचान के लिए पानी में डालकर जांचें

 समस्तीपुर.

शहद, जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में मध या मधु के नाम से भी जाना जाता है, केवल स्वाद में मीठा नहीं होता, बल्कि यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है.लेकिन इसका सही इस्तेमाल और गुणवत्ता को पहचानना भी उतना ही जरूरी है. आम लोगों के मन में कई बार यह सवाल आता है कि क्या शहद समय के साथ खराब हो सकता है? और अगर खराब हो जाए तो क्या वह ज़हरीला बन सकता है? इन तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए लोकल 18 की टीम ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के मधुमक्खी पालन विभाग के वैज्ञानिक डॉ. नागेंद्र कुमार से बातचीत की. उन्होंने बताया कि शहद को मधुमक्खियां प्राकृतिक तरीके से बनाती हैं.यह तब तक खराब नहीं होता जब तक उसका रख-रखाव सही तरीके से किया जाए.

क्या कहते हैं वैज्ञानिक

डॉ. नागेंद्र ने बताया कि अगर शहद को सील बंद बोतल में, साफ-सुथरे तरीके से रखा जाए तो यह वर्षों तक खराब नहीं होता. लेकिन यदि बोतल बार-बार खोली जाए, उसमें गंदा चम्मच डाला जाए या उसे नमी और गर्मी वाली जगह पर रखा जाए, तो उसमें फंगस या खमीर उत्पन्न हो सकता है. ऐसे में शहद का स्वाद, रंग और गुणवत्ता बदल सकती है, और वह सेहत के लिए नुकसानदेह बन सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि यदि आपने शहद की बोतल खोल दी है और उसमें बार-बार चम्मच डाल रहे हैं, तो कोशिश करें कि 5 महीने के भीतर उसका सेवन कर लें. इसके बाद उसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जो शहद को खराब बना सकते हैं.

कैसे पहचानें शुद्ध शहद?

डॉ. नागेंद्र ने मिलावटी और असली शहद की पहचान के लिए एक आसान तरीका भी बताया. एक पारदर्शी गिलास में पानी भरें और उसमें ऊपर से शहद डालें. यदि शहद पानी में घुलकर बिखर जाए, तो समझिए वह मिलावटी है. लेकिन अगर वह सीधे नीचे बैठ जाए और कुछ देर तक ऐसे ही बना रहे, तो वह असली शहद है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर शहद बोतल में जम जाए तो इसे खराब न समझें.यह प्राकृतिक शहद की पहचान है और इसका बाजार मूल्य भी अधिक होता है.इसलिए अगली बार जब आप शहद खरीदें या इस्तेमाल करें, तो इन वैज्ञानिक सलाहों को जरूर ध्यान में रखें.

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वैज्ञानिक से जानिए शहद के पीछे का विज्ञान: असली, मिलावटी या ज़हरीला?

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