हाइलाइट्स
जुड़वा बच्चों की आपस में तुलना करने से बचें.
जुड़वा बच्चों के लिए क्वालिटी टाइम का अलग से करें प्लान.
How To Raise Twins: किसी भी महिला या पुरुष के लिए मां-बाप बनना जीवन का सबसे बड़ा सुख होता है. वहीं, जब जुड़वा बच्चों की बात आती है तो खुशी भी दोगुनी हो जाती है, लेकिन जुड़वा (Twins) बच्चों की परवरिश करते समय दोहरी चुनौतियां और समस्याएं भी आती हैं. माता-पिता होना एक बड़ी जिम्मेदारी है और एक साथ दो बच्चों की परवरिश करते समय कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है. दोनों बच्चों की सीखने की क्षमता अलग-अलग हो सकती है, उनकी आदतें अलग-अलग हो सकती हैं और जीवनशैली की विभिन्न समस्याएं भी अलग-अलग हो सकती हैं.
जुड़वा बच्चे होने पर पैरेंट्स (parents) को बेहद खुशी होती है साथ ही बच्चों की परवरिश को लेकर हल्की चिंता भी होने लगती है. यह बहुत सामान्य है और माता-पिता को इस बारे में तनाव नहीं लेना चाहिए. ओन्लीमाईहेल्थ में छपी एक खबर के अनुसार, जुड़वा बच्चों को पालना आसान काम नहीं है, क्योंकि एक साथ दो बच्चों को संभालने के लिए सहनशक्ति और धैर्य की जरूरत होती है. आपको मां के दूध की मांग को पूरा करने की जरूरत है, जो ज्यादातर माताओं के लिए चुनौतीपूर्ण होता है. इसके अलावा, उन्हें व्यक्तिगत ध्यान देने की जरूरत है. आइए आपको जुड़वा बच्चों के पालन पोषण को लेकर एक्सपर्ट के बताए कुछ जरूरी टिप्स बताते हैं.
1.दिनचर्या पर ध्यान दें: जुड़वा बच्चों की परवरिश के लिए दिनचर्या पर ध्यान देना सबसे ज्यादा जरूरी है. आपके पास एक निर्धारित पैटर्न होना चाहिए जिसमें आप बच्चों की परवरिश करें. ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर आपके बच्चों की आदतें और शेड्यूल अलग हैं तो आप उन्हें रेगुलेट नहीं कर पाएंगे. इसलिए अच्छे संबंध बनाने के लिए नियमित आदतों और कार्यक्रमों को विकसित करना महत्वपूर्ण है.
2.स्तनपान साथ करवाएं: माताओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे दोनों बच्चों में एक ही समय पर दूध पिलाने की आदत विकसित करें. इससे आपको जुड़वा बच्चों को एक साथ दूध पिलाने में मदद मिलेगी. यह हर बार संभव नहीं हो सकता है लेकिन इसे अधिक बार करने का प्रयास करें.
3.जुड़वा बच्चों वाले माता-पिता से जुड़ें: जुड़वा बच्चों की कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं जिनमें जुड़वा बच्चों के माता-पिता ही आपकी मदद कर सकते हैं. जिन माता-पिता को जुड़वा बच्चों को संभालने का अनुभव है, वे आपको बता सकते हैं कि उन्हें और अधिक कुशलता से कैसे बढ़ाया जाए. इसलिए जरूरी है कि उन पैरेंट्स से जुड़ें जिन्हें पहले से ही जुड़वा बच्चे हैं.
4.बच्चों को रोने दें: माता-पिता के लिए सबसे मुश्किल काम होता है अपने बच्चों को रोते हुए देखना. जुड़वा बच्चों के साथ यह और भी मुश्किल हो सकता है, क्योंकि अगर दोनों जुड़वा बच्चे एक साथ रोएं तो उन्हें काबू करना मुश्किल हो सकता है. बाल रोग विशेसज्ञों के अनुसार, आपको अपने जुड़वा बच्चों को कुछ समय के लिए रोने देना चाहिए और देखना चाहिए. इसमें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, इस अवस्था में बच्चों का रोना सामान्य है.
5.जुड़वा बच्चों के साथ सख्त रहें: जुड़वा बच्चों की माताओं को अपनी आदतों के बारे में बहुत सावधान रहने की जरूरत है. ऐसा क्योंकि जुड़वा बच्चों का आपस में एक बंधन होता है. इसके अलावा जुड़वा बच्चों में कमजोरी जानने की भी समझ होती है और वे अपने माता-पिता की कमजोरी को समझ सकते हैं. इसलिए आपने देखा होगा कि वे अपनी मांगों को पूरा करने के लिए अपने माता-पिता को आकर्षित करने के लिए बच्चे अक्सर विशिष्ट गतिविधियाँ करते हैं. जुड़वा बच्चों को पालने में यह एक महत्वपूर्ण सबक है, आपको सख्त होने की जरूरत है.
6.तुलना न करें: बच्चों के बीच तुलना करना स्वस्थ आदत नहीं है, खासकर जुड़वा बच्चों के साथ. यह उनके स्वास्थ्य और मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. बढ़ती प्रक्रिया के हर कदम पर जिन जुड़वा बच्चों की तुलना की जाती है, वे एक-दूसरे के बारे में नकारात्मक विचार विकसित करते हैं जो उनके बंधन और स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है. कई जुड़वा बच्चे लगातार तुलना के कारण दूसरे जुड़वा से घृणा की भावना विकसित करते हैं.
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7.दोनों जुड़वा बच्चों के लिए अलग से क्वालिटी टाइम प्लान करें: प्रत्येक जुड़वा के साथ व्यक्तिगत रूप से कुछ समय बिताने से माता-पिता को अपने बच्चों की अलग पहचान विकसित करने में मदद मिल सकती है. इससे उन्हें अपने बच्चों को बेहतर ढंग से समझने में भी मदद मिलेगी. इसलिए जुड़वा बच्चों के लिए अलग-अलग क्वालिटी टाइम प्लान करें.
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Tags: Child Care, Lifestyle, Parenting, Parenting tips
FIRST PUBLISHED : March 01, 2023, 13:53 IST