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बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने गुरुवार को यह कहकर सबको चौंका दिया है कि आईएएस बनना उनकी बड़ी गलती थी। बीपीएससी कार्यालय में संवाद कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह बयान दिया। उनसे एक छात्रा ने सवाल पूछा था कि आईआईटी कानपुर से पासआउट होने के बाद सिविल सेवा क्यों चुना, इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम में मेरी ऑल इंडिया नौवीं रैंक आई थी। इसके बावजूद मैं सिविल सेवा में आया। मेरी बुद्धि मारी गई थी। मेरी बहुत बड़ी गलती थी और गलती का खामियाजा तो मुझे भुगतना ही है। हर चमकने वाली चीज सोना नहीं होती।’ उनके इस बयान को सुनकर वहां बैठे अभ्यर्थी और अधिकारी भी हैरान रह गए।
उन्होंने कहा, ‘हालांकि इंजीनियरिंग सर्विसेज की भी अपनी कुछ दिक्कतें होतीं। ऐसा भी हो सकता था इंजीनियरिंग के बाद विदेश चला जाता, कई साथी चले गए, दूसरे देशों में जो अच्छा कर रहे हैं। लेकिन वहां जाकर फिर वहां की समस्याएं पता चलतीं। फिर वही बात कि हर चमकने वाली चीज सोना नहीं होती है। यह बात मुझे बात में समझ में आई। आईएस का चार्म था। समाज का प्रेशर था।’
अतुल प्रसाद ने कहा ऐसा मुझे अकसर सुनने को मिलता है कि मैं और केके पाठक ( KK Pathak ) दोनों यूपी के हैं। तो हम लोग यूपी के छात्रों की मदद कर रहे हैं। केके पाठक तो यूपी के हैं, लेकिन मैं बिहारी हूं। उन्होंने कहा, ‘मेरा जन्म, मेरी मां का जन्म, मेरी मां की मां का जन्म पटना में हुआ। मैं प्रॉपर पटना का रहने वाला हूं। मैंने पटना से ही स्कूल की पढ़ाई की और पटना साइंस कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन किया है। ऐसा हमेशा सुनने को मिलता है कि मैं बिहार के बारे में नहीं सोचूंगा तो पहले तो मैं यह बता दूं कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।’
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अभ्यर्थियों से बीपीएससी अध्यक्ष ने कहा, ‘अपने कोर्स स्ट्रेंथ को पहले समझें। जिस चीज की पढ़ाई कर सकते हैं, उसे चुनें। आपको एनसीईआरटी पर फोकस करना ही होगा। अगर बिहार से शून्य प्रश्न रहे तो इसमें क्या फर्क पड़ता है। बिहार के साथ-साथ देश के बारे में जानकारी रखना आपके लिए ही फायदेमंद होगा।’