IAS Rinku Dugga Forcefully Retirement: केंद्र सरकार ने हाल ही में एक IAS Officer को जबरन रिटायरमेंट दे दिया है. पिछले साल IAS रिंकू दुग्गा और उनके IAS पति संजीव खिरवार पर अपने कुत्ते को घुमाने के लिए दिल्ली में एथलीटों से एक स्टेडियम खाली कराने का मामला था. इस खबर के वायरल होने के तुरंत बाद केंद्र सरकार ने दोनों को दिल्ली से बाहर ट्रांसफर कर दिया था. पीटीआई के मुताबिक अब बताया जा रहा है कि IAS दुग्गा को सरकार ने अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया है. अगर किसी भी सरकारी कर्मचारी को जबरन रिटायरमेंट (Forcefully Retirement) दिया जाता है, तो उसे क्या-क्या सुविधाएं मिलती है आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद पर थीं तैनात
IAS रिंकू दुग्गा 1994 बैच के AGMUT (अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) कैडर की ऑफिसर हैं. 54 वर्षीय IAS ऑफिसर वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश में इंडिजिनियस अफेयर के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद पर तैनात थी. उनके पति संजीव खिरवार भी 1994 बैच के IAS Officer हैं. IAS खिरवार वर्तमान में लद्दाख में तैनात हैं. सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि दुग्गा को उनके सेवा रिकॉर्ड के मूल्यांकन के बाद मौलिक नियम (FR) 56 (J), केंद्रीय सिविल सेवा (सीसीएस) पेंशन नियम, 1972 के नियम 48 के तहत अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार को किसी भी सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्त करने का अधिकार है.
जब रिटायरमेंट पर मिलती है ये सुविधाएं
सरकार मौलिक नियम (FR) 56 (J) के तहत IAS, IPS और अन्य ग्रुप ए सेवाओं, ग्रुप बी अधिकारियों के साथ-साथ अराजपत्रित सेवाओं सहित राजपत्रित अधिकारियों को लोकहित में सेवानिवृत किया जा सकता है. यह नियम सभी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र इकाइयों (PSU) और स्वायत्त निकायों पर भी लागू हो सकता है. यह नियम काफी पहले से है. इसके तहत यदि कोई भी अधिकारी 30 साल तक की सेवा पूरी कर चुके या 50/55 साल की उम्र को पूरा कर चुके हैं, तो उन्हें सरकार रिटायर कर सकती है. सरकार इस नियम का इस्तेमाल करके समय से पहले अगर सेवानिवृत करती है, तो उन्हें नोटिस और तीन महीने के वेतन-भत्ते भी दिए जाते हैं.
ऐसा भी माना जाता है कि जिन अधिकारियों को जबरन रिटायर (Forcefully Retirement) किया जाता है, उनके काम की हर तीसरे महीने समीक्षा की जाती है और अगर उन पर भ्रष्टाचार या अक्षमता/अनियमितता के आरोप पाए जाते हैं, तो जबरन रिटायरमेंट दिया जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : September 28, 2023, 11:47 IST