हाइलाइट्स
वेणुगोपाल धूत की संपत्ति साल 2015 में 1.19 अरब डॉलर थी.
वीडियोकॉन समूह 2010 के मध्य में ही मुश्किलों में घिर गया.
डीचीएच, पावर और तेल खोज जैसे बिजनस में वीडियोकॉन का खूब पैसा खर्च हुआ.
नई दिल्ली. कभी भारत के अमीरों की सूची में 61वें स्थान पर रहे वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत (Venugopal Dhoot) लोन फ्रॉड केस में अब सीबीआई की गिरफ्त में हैं. आज दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही वीडियोकॉन (Videocon) की कभी व्हाइट गुड्स मार्केट में तूती बोलती थी. भारत में पहला कलर टेलीविजन पेश करने वाली वीडियोकॉन और इसके चेयरमैन धूत के बुरे दिन 2010 से शुरू हुए थे, जो अब तक जारी हैं. आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड केस (ICICI Videocon Loan Fraud Case) कॉर्पोरेट जगत में फ्रॉड का एक बड़ा मामला है. धूत की अगुवाई में ही वीडियोकॉन ने देश का पहला कलर टेलीविजन लांच किया था.
इस केस में शुक्रवार को आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की पूर्व एमडी चंदा कोचर (Chanda Kochhar) और उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी हुई थी. इसके बाद वेणुगोपाल को भी सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया. वेणुगोपाल धूत 30 सितंबर 1951 को मुंबई में पैदा हुए. उन्होंने पुणे से इंजीनियरिंग की है. पढ़ाई के बाद वे अपने पिता का बिजनेस में हाथ बंटाने लगे. साल 1985 में वेणुगोपाल के पिता नंदलाल माधवलाल धूत ने वीडियोकॉन इंटरनेशनल की स्थापना की थी. वेणुगोपाल की अगुवाई में वीडियोकॉन ने खूब तरक्की की. एक समय यह कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और होम एप्लायंसेज में भारत की लीडिंग कंपनी बन गई.
1.19 अरब डॉलर थी धूत की संपत्ति
वेणुगोपाल की अगुवाई में वीडियोकॉन का कारोबार खूब बढ़ा. वीडियोकॉन ने भारत के अलावा चीन, मैक्सिको, पोलैंड और इटली में भी निर्माण संयंत्र स्थापित किए. इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में अपनी सफलता के बाद, समूह ने दूरसंचार, तेल और बिजली क्षेत्रों में प्रवेश किया. फोर्ब्स मैगजीन के अनुसार, वेणुगोपाल धूत की संपत्ति साल 2015 में 1.19 अरब डॉलर थी. उस समय धूत भारत के 61वें सबसे अमीर व्यक्ति थे.
बरकरार नहीं रही तेजी
वीडियोकॉन समूह 2010 के मध्य में ही मुश्किलों में घिर गया. डीटीएच, पावर और तेल खोज जैसे बिजनेस में वीडियोकॉन का खूब पैसा खर्च हुआ. इन कारोबारों के लिए कंपनी ने बहुत ज्यादा कर्ज ले लिया. लेकिन इन बिजनसेज में कंपनी को मुनाफा नहीं हुआ. कर्ज इतना ज्यादा हो गया कि कंपनी के लिए इसे संभालना मुश्किल हो गया. 2017 आते-आते समूह टेलीकॉम क्षेत्र से बाहर हो गया. साथ ही इलेक्ट्रोनिक कंजयूमर ड्यूरेबल सेक्टर में भी कई अंतरराष्ट्रीय खिलाडियों के आने से वीडियोकॉन का इस सेक्टर में प्रभुत्व कम हो गया. वीडियोकॉन कर्ज के जाल में बुरी तरह फंस गई.
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क्यों हुई धूत की गिरफ्तारी?
धूत की गिरफ्तारी भी लोन फ्रॉड के सिलसिले में हुई है. यह कर्ज वीडियोकॉन ने आईसीआईसीआई बैंक से लिया था. जिस समय कंपनी ने 3,250 करोड़ रुपये का यह लोन लिया, उस समय आईसीआईसीआई बैंक की एमडी चंदा कोचर थीं. धूत पर आरोप है कि उन्होंने यह लोन चंदा कोचर की मदद से गलत तरीके से लिया है. एफआईआर के अनुसार, इस लोन की मंजूरी के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से चंदा कोचर के पति दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया. इसके अलावा 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल ट्रांसफर की. पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट और एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के ही पास था.
NPA हो गया लोन
वीडियोकॉन ग्रुप ने इस लोन करीब 2,810 करोड़ रुपये नहीं चुकाए. साल 2017 में इस लोन को एनपीए में डाल दिया गया. सीबीआई की एक अदालत ने इस मामले में वेणुगोपाल धूत की केंद्रीय एजेंसी की हिरासत 28 दिसंबर तक के लिए मंजूर कर ली है.
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Tags: Business, Business news in hindi, ICICI bank, Loan default
FIRST PUBLISHED : December 27, 2022, 12:05 IST