Friday, February 7, 2025
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IIT छोड़ दुनिया के नंबर 1 इंस्टीट्यूट में लिया एडमिशन, JEE एडवांस्ड में आई थी शानदार रैंक


आईआईटी में पढ़ाई का ख्वाब पूरा करने के लिए कोलकाता के मोहम्मद साहिल अख्तर ने 10वीं कक्षा से ही इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन व एडवांस्ड की तैयारी शुरू कर दी थी। पहले स्कूल और फिर कोचिंग क्लास के चक्कर, रोजाना 10 घंटे पढ़ाई। मेहनत रंग लाई और साहिल अख्तर ने जेईई एडवांस्ड 2023 परीक्षा में 99वीं रैंक हासिल की। लेकिन 17 साल के साहिल ने आईआईटी की बजाय अमेरिका के प्रतिष्ठित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में एडमिशन लेने का फैसला किया है। जेईई एडवांस्ड के टॉप 100 रैंकर्स में साहिल अकेले ऐसे छात्र हैं जिन्होंने आईआईटी में दाखिला न लेने का फैसला किया है। 

साहिल का कहना है कि वह रिसर्च में अपना करियर बनाना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने एमआईटी को चुना। उन्होंने कहा कि एमआईटी का कोर्स आईआईटी की तुलना में ज्यादा फ्लेक्सिएबल भी है। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक साहिल ने कहा, ‘मुझे टेक्निकल जॉब से ज्यादा रिसर्च में काम करना अच्छा लगता है। रिसर्च लाइन के लिए भारत का भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) भी एक अच्छा ऑप्शन था। लेकिन एमआईटी का कोर्स अपेक्षाकृत ज्यादा फ्लेक्सिबिल है। एमआईटी में मुझे फर्स्ट ईयर में ही फाइनल सब्जेक्ट को लेकर फैसला नहीं लेना, जैसा कि भारत में होता है। अभी बहुत कुछ ऐसा है जो मैंने नहीं देखा है।’ साहिल कंप्यूटर साइंस और फिजिक्स में डुअल पढ़ाई करना चाहते हैं। उनकी दिलचस्पी एस्ट्रोनॉमी, एस्ट्रोफिजिक्स और डेटा साइंस में भी है।

हालांकि इस बात को साहिल भी मानते हैं कि इस तरह का हटकर फैसला लेना उनके लिए आसान नहीं था। आईआईटी जैसे ब्रांड को ठुकराने के उनके निर्णय के बारे में पेरेंट्स को भी समझाना टेढ़ी खीर था। हालांकि जब उन्होंने वर्ष 2022 में इंटरनेशनल ओलंपियाज ऑन एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (आईओएए) में गोल्ड मेडल जीता, जब परिवार के सदस्यों को रिसर्च के क्षेत्र में उनकी रुचि के बारे में पता चल गया होगा। आमतौर पर जेईई एडवांस्ड में अच्छी रैंक लाने वाले विद्यार्थी आईआईटी के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग बीटेक ब्रांच में एडमिशन लेते हैं।

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ओलंपियाड में IIT से बेहतर ऑप्शन के बारे में पता चला

उन्होंने कहा, ‘जब मैं जॉर्जिया में आयोजित आईओएए ओलंपियाड में शामिल हुआ तो मुझे ऐसे कई करियर ऑप्शन्स के बारे में पता चला जो मेरी रुचि के मुताबिक थे। ओलंपियाड में अमेरिका की टीम में 10 सदस्य थे। उनमें से अधिकांश एमआईटी में शामिल होने जा रहे थे। उन्होंने अपनी करियर की राह मुझसे शेयर की। मेरी अपनी टीम का एक सीनियर भी ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में आवेदन कर रहा था और उसने मुझसे विदेश में इन विश्वविद्यालयों में एजुकेशन सिस्टम के बारे में बात की। मुझे अपने लिए यह सही लगा। मैंने विदेशी संस्थानों में आवेदन करना शुरू कर दिया। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और एमआईटी में आवेदन किया। मार्च में एमआईटी का स्वीकृति पत्र प्राप्त हुआ।

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वर्ल्ड का नंबर वन इंस्टीट्यूट है एमआईटी

आपको बता दें कि वर्ल्ड क्यूएस रैंकिंग में एमआईटी पिछले कई वर्षों से पहले स्थान पर काबिज है। एमआईटी के बाद यूनिवर्सिटी ऑफ कैंम्ब्रिज (यूके), यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड (यूके), हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (अमेरिका), स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (अमेरिका) का नंबर आता है। इसमें आईआईटी बॉम्बे 149वें, आईआईटी दिल्ली 197वें, आईआईएससी बेंगलुरु 225वें, आईआईटी खड़गपुर 271वें, आईआईटी कानपुर 278वें और आईआईटी मद्रास 285वें स्थान पर है।



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