नई दिल्ली:
IND vs SA 2nd Test Match : भारत और साउथ अफ्रीका के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा और आखिरी मैच केपटाउन के न्यूलैंड्स स्टेडियम में खेला जाएगा. पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया को करारी हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में ये मैच टीम इंडिया के लिए काफी अहम रहने वाला है. रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम इंडिया इस मैच को जीतकर सीरीज में बराबरी करना चाहेगा, लेकिन केपटाउन में टीम इंडिया का असली इम्तिहान भी होगा. यहां की पिच बल्लेबाजों के लिए ज्यादा अनुकूल नहीं मानी जाती है.
केपटाउन में भारतीय बल्लेबाजी का असली इम्तिहान
केपटाउन के न्यूलैंड्स मैदान पर टीम इंडिया ने अभी तक 6 टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन इन टेस्ट मैचों में सिर्फ 4 भारतीय खिलाड़ी ही शतक लगा सके हैं. केपटाउन के न्यूलैंड्स मैदान पर भारत के लिए टेस्ट में सचिन तेंदुलकर, मोहम्मद अजहरुद्दीन, वसीम जाफर और ऋषभ पंत ने ही शतक लगाने का कारनामा किया है. इनके अलावा कोई भी भारतीय बल्लेबाज यहां शतक लगाने का कीर्तिमान हासिल नहीं किया है.
सचिन तेंदुलकर ने दो बार लगाई सेंचुरी
साउथ अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन में सचिन तेंदुलकर ने 2 शतक लगाया है. 2 जनवरी 1997 को तेंदुलकर ने केपटाउन में अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा था. उन्होंने 254 गेंदों में 169 रन बनाए थे, जिसमें 26 चौकों शामिल थे. उनका दूसरा टेस्ट शतक 2 जनवरी 2011 को भारत और साउथ अफ्रीका के बीच तीसरे टेस्ट के दौरान आया था. जिसमें सचिन ने 314 गेंदें का सामना करते हुए 146 रन बनाए थे. इस दौरान उनके बल्ले से 17 चौके और 2 छक्के निकले थे.
केपटाउन में टीम इंडिया का खराब प्रदर्शन
केपटाउन के न्यूलैंड्स स्टेडियम में टीम इंडिया का रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है. साल 1993 से भारत ने केपटाउन में अभी तक एक भी टेस्ट मैच नहीं जीता है. टीम इंडिया ने इस मैदान पर अभी तक 6 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से 4 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है. जबकि 2 मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ है.
कैसी रहेगी केपटाउन की पिच?
भारत और साउथ अफ्रीका (IND vs SA) की टीमें दूसरे टेस्ट के लिए केपटाउन के न्यूलैंड्स स्टेडियम में आमने-सामने आएंगी. केपटाउन के इस मैदान पर हमेशा ही तेज गेंदबाजों का दबदबा देखने को मिलता है. हालांकि, इस बात में कोई संदेह नहीं है कि साउथ अफ्रीका के लगभग सारे ही विकेट्स पेसर्स के लिए मददगार होते हैं. वहीं, न्यूलैंड्स की बात करें, तो यहां तेज गेंदबाजों बल्लेबाजों पर कहर बनकर टूटते हैं. इसी कारण इस मैदान पर कम ही मैच ड्रॉ होते हैं. बल्लेबाजों के लिए केपटाउन में रन बनाना काफी मुश्किल काम रहता है, नतीजन लो स्कोरिंग मैच भी देखने को मिल सकता है.