Home National INDIA गठबंधन की ताकत तलाशेगी राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा, बिहार में नीतीश कुमार के रुख पर नजर

INDIA गठबंधन की ताकत तलाशेगी राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा, बिहार में नीतीश कुमार के रुख पर नजर

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INDIA गठबंधन की ताकत तलाशेगी राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा, बिहार में नीतीश कुमार के रुख पर नजर

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वर्ष 2024 के आम चुनाव से पहले राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा क्या कांग्रेस या विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को भी मजबूती दे पाएगी? नरेंद्र मोदी के सामने कौन? इस सवाल का जवाब राहुल की यात्रा से मिल सकता है या फिर यह यात्रा ऐसे राज्यों में कांग्रेस के साथ विपक्ष को ज्यादा मजबूत करने का प्रयास है। ऐसे ही तमाम सवाल हवा में तैर रहे हैं जिनके जवाब दूसरी यात्रा की शुरुआत और इसके आगे बढ़ने के दौरान सियासी घटनाक्रमों से मिलेंगे।

राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के बाद ही स्पष्ट संकेत दिया था कि भारत जोड़ो यात्रा का ‘पार्ट टू सफर’ जरूर होगा। यह भी कहा गया था कि जिन इलाकों से भारत जोड़ो यात्रा नहीं गई उन्हें दूसरे चरण में कवर किया जाएगा। कांग्रेस को लगता है कि दूसरी यात्रा से एक बार फिर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जान आएगी और अगर समूचा विपक्ष इससे जुड़ा तो एक मजबूत चुनौती कई राज्यों में भाजपा को पेश की जा सकती है।

मुद्दों के आधार पर चुनाव में उतरने के संकेत

जानकार मानते हैं कि कांग्रेस ने राहुल की यात्रा का ऐलान करके यह संकेत दिया है कि कांग्रेस किसी चेहरे को ‘इंडिया’ गठबंधन का चेहरा बनाने के बजाय मुद्दों के आधार पर चुनाव में जाएगी और यह मसला चुनाव बाद के लिए रखेगी। साथ ही कांग्रेस के मुख्य चेहरे और नेता के रूप में राहुल की छवि पुख्ता होगी इसमें भी संदेह नहीं है।

जानकारों का यह भी कहना है कि भारत जोड़ो यात्रा से राहुल की एक परिपक्व नेता के रूप में छवि बनी थी। बहुत हद तक कर्नाटक चुनाव और तेलंगाना में इसका लाभ भी मिलने की बात कही गई। कांग्रेस नेता मानते हैं कि राहुल के पक्ष में बने ‘नैरेटिव’ को पांच राज्यों के चुनाव के बाद कमजोर करने की मुहिम का जवाब भारत न्याय यात्रा से मिल सकता है।

गठबंधन के जरिए चुनौती की रणनीति

भाजपा को पश्चिम बंगाल, बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में गठबंधन के जरिए चुनौती की रणनीति बनाई गई है। पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में भाजपा ने पिछली बार 18 सीटों पर सफलता हासिल की थी लेकिन विपक्ष इस बार लामबंद होकर भाजपा को रोकने की रणनीति पर काम कर रहा है। वहां यात्रा के दौरान ममता बनर्जी और कांग्रेस का रुख सब कुछ स्पष्ट कर देगा।

बिहार में चुनौती बड़ी

बिहार में राहुल की यात्रा नीतीश और राजद गठजोड़ के साथ विपक्ष की मुहिम को तेज करने का काम कर सकती है लेकिन इससे पहले नीतीश का रुख देखना होगा। बिहार में पिछले चुनाव में भाजपा का रिकॉर्ड प्रदर्शन रोकना विपक्ष के लिए चुनौती है।

कांग्रेस की रणनीति के मुताबिक महाराष्ट्र में भी कांग्रेस के साथ ‘इंडिया’ गठबंधन की ताकत बढ़ सकती है। कांग्रेस ने एक सोची समझी रणनीति के अनुसार अपनी यात्रा का समापन महाराष्ट्र में करने का निर्णय किया है।

छोटे राज्य का बड़ा संदेश

मणिपुर जैसा राज्य भले ही छोटा हो लेकिन यहां का संदेश बड़ा है इसलिए राहुल गांधी यहां से यात्रा की शुरुआत करेंगे। उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बड़े विपक्षी नेता राहुल गांधी के साथ नहीं जुड़े थे। इस लिहाज से यह भी देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस की रणनीति को ‘इंडिया’ के अन्य दलों का कितना और कैसा साथ मिलता है।

साथी दलों पर नजर

राहुल गांधी की यात्रा पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से भी गुजरने वाली है, जहां ‘इंडिया’ गठबंधन में बड़े-बड़े दावेदार हैं। ऐसे में यहां साथी दलों पर नजर रहेगी। राहुल गांधी की जो यात्रा मणिपुर से लेकर महाराष्ट्र तक होने वाली है, उसमें लोकसभा की कुल 355 सीटें हैं और इनमें फिलहाल कांग्रेस के पास महज 14 सीटें हैं। अब ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा बने सहयोगी दलों को भी जोड़ लें तो ये सीटें 67 तक पहुंचती हैं। ऐसे में न्याय यात्रा के जरिए राहुल गांधी की नजर कम से कम 200 सीटों पर होगी ताकि वो दक्षिण भारत के सहयोगियों के जरिए आंकड़े को अपने पक्ष में कर सकें।

किस राज्य में कितनी लोकसभा सीटें

मणिपुर- 2, नगालैंड- 1, असम- 14, मेघालय- 2, पश्चिम बंगाल- 42, बिहार- 40, झारखंड- 14, ओडिशा- 21, छत्तीसगढ़- 11, उत्तर प्रदेश- 80, मध्य प्रदेश- 29, राजस्थान-25, गुजरात-26, महाराष्ट्र- 48

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