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India Canada Tension: भारत-कनाडा में चल रहे विवाद के बीच, पंजाबी गायक गुरदास मान ने कनाडा को मुंहतोड़ जवाब दिया है। दरअसल, गुरदास मान की कनाडा यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। प्रोडक्शन हाउस ने कहा कि यह कदम फिलहाल सबसे जिम्मेदार और आवश्यक कार्रवाई है। दौरा स्थगित होने की वजह से मान कनाडा में परफॉर्म नहीं करेंगे। प्रोडक्शन हाउस ने कहा, “दोनों देशों के बीच मौजूदा राजनयिक अशांति के मद्देनजर और अप्रत्याशित परिस्थितियों के सावधानीपूर्वक विचार और मूल्यांकन के बाद, यह निर्धारित किया गया है कि कार्यक्रम को स्थगित करना फिलहाल सबसे जिम्मेदार और आवश्यक ऐक्शन है।” हाउस ने फेसबुक पर पोस्ट कर गुरदास मान का दौरा रद्द करने की जानकारी दी।
गुरदास मान इस महीने 22 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच कनाडा में परफॉर्म करने वाले थे, लेकिन कनाडा द्वारा भारत पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाने के बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव पैदा हो गया। हालांकि, भारत ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और आरोप के संबंध में विशिष्ट जानकारी मांगी, जिसके बारे में नई दिल्ली ने दावा किया कि ओंटारियो ने कभी उपलब्ध नहीं कराया। दोनों देशों के बीच संबंध इस हद तक बिगड़ गए कि भारत ने वीजा सेवाएं सस्पेंड कर दीं और फिर राजनयिकों की संख्या कम करने के लिए कह दिया। पिछले दिनों जस्टिन ट्रूडो ने भारत में मौजूद अपने राजयनिकों को दूसरे देशों में शिफ्ट कर दिया है।
बता दें कि पंजाब की बड़ी सिख आबादी कनाडा में रहती है। वहां पंजाब से बड़ी संख्या में सिख स्टूडेंट्स पढ़ने भी जाते हैं। इसके अलावा, वहां नौकरियां करने वाले भी बड़ी संख्या में भारतीय हैं। भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में खटास आने के चलते कई तरह के असर पड़े हैं। कनाडा पर हमेशा से ही खालिस्तानियों को समर्थन देने का आरोप लगता रहा है। कई सिंगर भी खालिस्तान के मुद्दे पर घिर चुके हैं। हाल ही में कनाडा बेस्ड रैपर शुभ के भारत दौरे को लेकर भी काफी बवाल हुआ था, जिसके बाद उनका कन्सर्ट रद्द कर दिया गया था। शुभ की एक पुराने सोशल मीडिया पोस्ट के लिए आलोचना की गई थी जिसमें उन्होंने भारत के मैप को गलत ढंग से दिखाया गया था।
वहीं, कन्सर्ट के रद्द होने के बाद उन्होंने कहा था कि भारत उनका भी देश है और उनका जन्म भी भारत में ही हुआ है। शुभ ने लिखा था कि पंजाब मेरी आत्मा है, पंजाब मेरे खून में है। आज मैं जो कुछ भी हूं, पंजाबी होने के कारण हूं। पंजाबियों को देशभक्ति का सबूत देने की जरूरत नहीं है। इतिहास के हर मोड़ पर पंजाबियों ने आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है, इसलिए मेरा विनम्र अनुरोध है कि हर पंजाबी को अलगाववादी या राष्ट्र-विरोधी के रूप में बताने से बचें।