Home World India China Clash : कीलों वाला डंडा, लोहे की गेंद… बर्बर हथियारों से लैस थे चीनी सैनिक, भारतीय सैनिकों पर किया कायराना वार

India China Clash : कीलों वाला डंडा, लोहे की गेंद… बर्बर हथियारों से लैस थे चीनी सैनिक, भारतीय सैनिकों पर किया कायराना वार

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India China Clash : कीलों वाला डंडा, लोहे की गेंद… बर्बर हथियारों से लैस थे चीनी सैनिक, भारतीय सैनिकों पर किया कायराना वार

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बीजिंग : भारत और चीन के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। पता चला है कि करीब 300 चीनी सैनिकों ने पिछले शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर पर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की। लेकिन जाबांज भारतीय सैनिकों ने एलएसी पर ही उनका रास्ता रोक दिया। इस दौरान हिंसक झड़प हुई जिसमें दोनों तरफ के सैनिक घायल हुए। यह घटना किसी क्षणिक उन्माद का नतीजा नहीं बल्कि एक सोची समझी साजिश थी। चीनी सैनिकों के पास खतनाक हथियार थे और वे पूरी तैयारी के साथ आए थे।

द प्रिंस की एक खबर के अनुसार चीनी सैनिकों के पास कीलों वाले डंडे, मंकी फिस्ट और टेजर गन जैसे हथियार थे। इन हथियारों से किसी की जान तो नहीं जा सकती लेकिन गहरी चोट पहुंचाने के लिए ये काफी हैं। सैन्य सूत्रों ने सोमवार को जानकारी दी कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी के पास भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। करीब 300 चीनी सैनिकों को 50 भारतीय सैनिकों ने आगे बढ़ने से रोक दिया था। आधे घंटे के भीतर भारत की बैकअप टीम मौके पर पहुंच गई जिसके बाद यह झड़प हुई।

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मध्यकालीन हथियारों से लैस थी चीनी सेना
भारत और चीन के बीच 1996 में एक शांति समझौता हुआ था जिसके तहत दोनों देश सीमा पर एक-दूसरे पर गोलीबारी नहीं कर सकते। एलएसी से दो किलोमीटर के भीतर किसी भी तरह की बंदूक या रसायनिक हथियार की भी अनुमति नहीं है। इस वजह से चीनी सैनिक गहरी चोट पहुंचाने वाले हथियारों के साथ आए थे। उनके पास मध्यकालीन हथियार और दर्द देने वाला कीलों वाला डंडा था। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भी पीएलए ने इस हथियार का इस्तेमाल किया था।

पीएलए के पास थे दर्द देने वाले हथियार
पीएलए सैनिकों के पास मंकी फिस्ट नाम का घातक हथियार भी था। लोहे की गेंद या पत्थर से बना यह हथियार कलाई पर पहना जाता है। वहीं टेजर गन एक इलेक्ट्रोशॉक हथियार है। इससे निकलने वाला बिजली का झटका सामने वाले को सुन्न या बेहोश कर देता है जिससे थोड़ी देर के लिए वह कुछ भी नहीं कर पाता। हालांकि कुछ मिनट बाद वह नॉर्मल हो जाता है। शुक्रवार की झड़प इस क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई दूसरी बड़ी घटना है। पहली झड़प अक्टूबर 2021 में यांग्त्से क्षेत्र में इसी जगह पर हुई थी।

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