India-Pakistan Tension: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है. इसके लिए भारत ने तैयारियां करना शुरू कर दी हैं. इस बीच भारत सरकार ने देशभर के 244 चिन्हित सिविल डिफेंस जिलों में बुधवार (7 मई, 2025) को एक विशाल मॉक ड्रिल का आयोजन कराने का एलान किया है. लेकिन मॉक ड्रिल से पहले गृह मंत्रालय ने मंगलवार को एक अहम बैठक बुलाई है. ये बैठक मंगलवार सुबह पौने ग्यारह बजे होगी.
क्या है मॉक ड्रिल का मकसद?
पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच बुधवार को होने वाली मॉक ड्रिल का मकसद इस बात की जांच करना है कि जंग के हालात में मिसाइल हमले या हवाई हमलों के दौरान आम लोग कितनी जल्दी और असरदार तरीके से इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं. युद्ध के दौरान लोगों को तैयार रहने और सुरक्षित स्थान की तलाश करना आमतौर पर मॉक ड्रिल का मकसद होता है.
बुधवार को होने वाली मॉक ड्रिल के दौरान भी असल हालात जैसे दृश्य पेश किए जाएंगे. इस दौरान हवाई हमले के सायरन बजेंगे, शहरों की बिजली बंद कर दी जाएगी. आम लोग शरण लेने का अभ्यास करेंगे और आपातकालीन सेवाएं भी तुरंत हरकत में आएंगी. 7 मई को होने वाली मॉक ड्रिल के जरिए लोगों को अफरा-तफरी से बचाव, घबराहट को कम करने और जान बचाने का अभ्यास कराया जाएगा.
मॉक ड्रिल से ताजा हुईं शीत युद्ध की याद
7 मई को होने वाली मॉक ड्रिल ने एक बार फिर से शीत युद्ध की याद ताजा कर दी हैं. क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर इस तहर की रिहर्सल शीत युद्ध के दौरान ही कराई जाती हैं. मौजूदा वैश्विक तनावों ने एक बार फिर इस ड्रिल को देशभर के लिए जरूरी बना दिया है. बुधवार को होने वाली मॉक ड्रिल के लिए गृह मंत्रालय ने 2 मई 2025 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किया था. ये अभ्यास सिविल डिफेंस रूल्स, 1968 के तहत आता है.