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पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट
पनडुब्बी जासूसी कार्यक्रम की जासूसी को लेकर जो भी मीडिया रिपोर्ट्स पिछले दिनों आई हैं, वो पूरी तरह से अपुष्ट हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कतर के पनडुब्बी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने वाली कंपनियों में से एक कंपनी इटली की नौसैनिक जहाज निर्माण कंपनी, फिनकैंटिएरी खासतौर पर शामिल है। वहीं एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कतर की कंपनी दहारा ग्लोबल बंद होने वाली है। ऐसे में उसने काम करने वाले सभी भारतीयों को छोड़ने के लिए कह दिया है। दूसरी तरफ इटैलियन कंपनी फिनकैंटिएरी ने कतर सरकार के लिए किसी भी प्रोग्राम के तहत पनडुब्बी बनाने की बात को साफ तौर पर इनकार कर दिया है।
दहरा ग्लोबल के लिए करते थेकाम
अखबार द संडे गार्डियन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि फिनकैंटिएरी तस्वीर से बाहर है। ऐसे में संभावना है कि एक कतर की डिफेंस कंपनी, दो और इटैलियन कंपनियों के साथ, इस पूरे बवाल के पीछे शामिल हो सकती है। अखबार की तरफ से हुई एक जांच के बाद रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि यह एक साजिश है जिसमें भारतीय नागरिकों को एकान्त कारावास में भेज दिया गया है। जो भी रिटायर्ड अधिकारी जेल में हैं वो दहरा ग्लोबल के लिए काम कर रहे थे।
क्या है कंपनियों की कहानी
यह पूरी कहानी कंपनियों के चक्रव्यूह और क्रॉस होल्डिंग्स से जुड़ी है जिसके तार कतर से लेकर इटली तक फैली हैं। अखबार का दावा है कि कतर के प्रभावशाली शासकों के साथ ही उनके करीबी भी इसमें शामिल हैं। साल 2019 में जहाज बनाने वाली इटली की एक कंपनी कैबी कट्टानियो को कतर की नौसेना से खाड़ी देश के लिए दो पनडुब्बियां बनाने का कॉन्ट्रैक्ट मिला था। यह कॉन्ट्रैक्ट 190 मिलियन यूरो की कीमत के साथ था। सूत्रों की मानें तो यह प्रोजेक्ट इटली की एक और कंपनी M23 की मदद से चलाई जा रही थी। यह कंपनी एक और इटैलियन शिप मेकर कंपनी GSE ट्राइस्टे का ही एक हिस्सा है।
क्या है बरजान होल्डिंग्स
M23 की टॉप लीडरशिप में शामिल बाकी लोगों में तौफिक अबी फदेल शामिल हैं, जो कतर के शाही परिवार के करीबी हैं। वह इस समय कतर की सरकारी कंपनी ‘बरजान होल्डिंग्स’ के लीगल हेड हैं। यह कंपनी, देश के रक्षा मंत्रालय का ही एक हिस्सा। इसे मार्च 2018 में कतर की सेना की क्षमताओं को बढ़ाने के मकसद से बनाया गया था। बरजान होल्डिंग्स के प्रेसीडेंट खालिद बिन मोहम्मद अल अत्तियाह हैं, जो कतर के रक्षा राज्य मंत्री भी हैं। उनके अनुसार, इस कंपनी का मुख्य उद्देश्य कतर की लंबी रक्षा और सुरक्षा जरूरतों को पूरा करना है। दूसरे आसान शब्दों में अगर यह कहें कि बारजन होल्डिंग यह तय करता है कि रक्षा जरूरतों पर कतर के खर्च की हर स्तर पर निगरानी की जाए।
कोई स्थिति स्पष्ट नहीं
सूत्रों की मानें तो कतर की नौसेना की ओर से इन पनडुब्बियों का अधिग्रहण दोहा स्थित लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी, ‘अल-शमल 3’ के द्वारा किया जा रहा है। इसके प्रमुख बरजान होल्डिंग्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नासिर हसन अल नईमी हैं जिन्होंने M23 में काफी निवेश किया। उपरोक्त सभी लेन-देन मई 2020 तक पूरे किए गए थे। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इन दो पनडुब्बियों पर आठ भारतीयों सहित दहरा ग्लोबल के कर्मचारी कैसे और किस क्षमता में काम कर रहे थे।
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