नई दिल्ली:
India’s First Scientist: भारत के सबसे पहले वैज्ञानिक महर्षि अर्यभट्ट थे. उन्होंने गणित, खगोलशास्त्र, और ज्योतिष आदि के क्षेत्र में अपने योगदान से भारतीय वैज्ञानिक समुदाय को प्रेरित किया. उन्होंने सूर्य और चंद्रमा की आकार को सही रूप से मापने और उनकी गति को प्राकृतिक दिन-रात की व्यवस्था के संबंध में अपने शोध के माध्यम से गहराई से अध्ययन किया. उनके योगदान ने भारतीय ज्योतिष और खगोलशास्त्र को विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण निर्देशन प्रदान किया. अर्यभट्ट का काम और उनकी सोच आज भी भारतीय वैज्ञानिक समुदाय के लिए प्रेरणास्त्रोत है. महर्षि अर्यभट्ट भारतीय गणितज्ञ, खगोलशास्त्री, और ज्योतिषशास्त्री थे, जिनके योगदान ने भारतीय वैज्ञानिक सोच को नए ऊँचाइयों तक पहुँचाया. उन्होंने 5वीं शताब्दी में जीवन बिताया और अपने अनुसंधानों में महाराष्ट्र के कोणीज नामक स्थान पर कार्य किया. अर्यभट्ट को ‘गणित के पितामह’ भी कहा जाता है.
उन्होंने ‘आर्यभट्टीय’ नामक गणित ग्रंथ लिखा, जिसमें अंकगणित, ज्योतिष, और खगोलशास्त्र से संबंधित सिद्धांत और गणितीय तथ्यों का विवरण था. उन्होंने सूर्य, चंद्रमा, ग्रहों, नक्षत्रों, और ग्रहणों के गति और स्थिति का अध्ययन किया था.
अर्यभट्ट के अनुसार, धरती गोल और सूर्य के चारों ओर घूमती है. उन्होंने वर्तमान काल की तिथियों, संख्याओं, और नक्षत्रों की गणना के लिए गणितीय सूत्रों का प्रयोग किया. उनके योगदान ने भारतीय वैज्ञानिक धारणाओं को प्रेरित किया और वैश्विक खगोलशास्त्र में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया.
अर्यभट्ट भारतीय ज्योतिष और खगोल शास्त्र के प्रमुख पिता माने जाते हैं.
उन्होंने 499 CE में “आर्यभटीय” किताब लिखी, जो गणितीय प्रश्नों पर आधारित थी.
अर्यभट्ट ने सूर्य और चंद्रमा के गति का अध्ययन किया और ग्रहों की स्थिति का निरीक्षण किया.
उन्होंने भूमि की आकार का अध्ययन किया और इसे “आर्यभट्टीय ज्यमिति” के रूप में प्रस्तुत किया.
अर्यभट्ट ने पीठागोरस के सिद्धांत को भी स्वीकार किया और समकोणों का मापन किया.
उन्होंने ग्रहों की चांदनी, ग्रहण, एक्लिप्स के बारे में भी अनुसंधान किया.
उन्होंने ज्योतिष के क्षेत्र में भी अद्वितीय योगदान दिया.
अर्यभट्ट का समय समय पर “ब्रह्मगुप्त” के साथ तुलना की जाती है, जो भारतीय गणित के अन्य महान वैज्ञानिक थे.
उन्होंने अद्वितीय गणितीय और खगोलीय सिद्धांत प्रस्तुत किए जिनका महत्व आज भी है.
अर्यभट्ट का योगदान भारतीय वैज्ञानिक समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसने विज्ञान और गणित के क्षेत्र में अनुसंधान का मार्ग प्रशस्त किया.