नई दिल्ली :
Insulin: इंसुलिन की कमी से मधुमेह (डायबिटीज) जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं. इंसुलिन शरीर में ग्लूकोज को नियंत्रित करता है, जो खाने से प्राप्त होने वाला प्रमुख ऊर्जा स्रोत होता है. जब शरीर में इंसुलिन की कमी होती है, तो ग्लूकोज का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे उच्च रक्त शर्करा स्तर हो जाता है. यह शरीर के लिए हानिकारक होता है और अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है, जैसे कि हृदय रोग, अंगीना, नेत्र रोग, गुर्दे की बीमारियाँ, और अन्य कई समस्याएँ. इसलिए, इंसुलिन की कमी से मधुमेह का रिस्क बढ़ जाता है और शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है. इंसुलिन एक हार्मोन है जो रक्त में ग्लूकोज (शर्करा) के स्तर को नियंत्रित करता है. जब शरीर में इंसुलिन की कमी होती है, तो रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है, जिससे मधुमेह (डायबिटीज) नामक बीमारी हो जाती है.
मधुमेह के दो मुख्य प्रकार हैं:
टाइप 1 मधुमेह: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इंसुलिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देती है.
टाइप 2 मधुमेह: यह तब होता है जब शरीर इंसुलिन का सही ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है.
इंसुलिन की कमी के कुछ लक्षण:
बार-बार पेशाब आना: जब रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है, तो गुर्दे इसे मूत्र के माध्यम से बाहर निकालने की कोशिश करते हैं.
अत्यधिक प्यास लगना: बार-बार पेशाब आने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे अत्यधिक प्यास लगती है.
अत्यधिक भूख लगना: जब शरीर में इंसुलिन की कमी होती है, तो कोशिकाएं ग्लूकोज को ऊर्जा के रूप में उपयोग नहीं कर पाती हैं, जिससे अत्यधिक भूख लगती है.
वजन कम होना: भले ही आप ज्यादा खा रहे हों, लेकिन आपके शरीर को ऊर्जा के रूप में ग्लूकोज का उपयोग नहीं करने से आपका वजन कम हो सकता है.
थकान: इंसुलिन की कमी से ऊर्जा की कमी हो सकती है, जिससे थकान महसूस हो सकती है.
धुंधली दृष्टि: उच्च रक्त शर्करा स्तर आंखों के लेंस को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे धुंधली दृष्टि हो सकती है.
इंसुलिन की कमी के कुछ गंभीर परिणाम:
डायबिटिक कीटोएसिडोसिस: यह एक गंभीर स्थिति है जो तब हो सकती है जब शरीर में इंसुलिन की बहुत कमी हो.
हाइपोग्लाइसीमिया: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त में ग्लूकोज का स्तर बहुत कम हो जाता है.
हृदय रोग: मधुमेह हृदय रोग के खतरे को बढ़ाता है.
स्ट्रोक: मधुमेह स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाता है.
गुर्दे की बीमारी: मधुमेह गुर्दे की बीमारी का एक प्रमुख कारण है.
अंधापन: मधुमेह अंधापन का एक प्रमुख कारण है.
तंत्रिका क्षति: मधुमेह तंत्रिका क्षति का कारण बन सकता है, जिससे हाथों और पैरों में दर्द, सुन्नता और झुनझुनी हो सकती है.
इंसुलिन की कमी का इलाज: मधुमेह का इलाज पूरी तरह से नहीं होता है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है. मधुमेह को नियंत्रित करने के कुछ तरीके हैं जैसे अगर आपको टाइप 1 मधुमेह है, तो आपको इंसुलिन लेने की आवश्यकता होगी. कुछ मौखिक दवाएं हैं जो रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं. स्वस्थ आहार खाने से रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है. नियमित रूप से व्यायाम करने से रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है. यह भी ध्यान रखें कि अगर आपको मधुमेह है, तो आपको नियमित रूप से अपने रक्त में ग्लूकोज के स्तर की जांच करवानी चाहिए.