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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बुधवार को कहा कि भारत ने हमेशा जोड़ने, अपनाने और अंगीकार करने वाली परम्पराओं को पोषित किया है और योग के माध्यम से विरोधाभाषों, बाधाओं और प्रतिरोधों को खत्म करने का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री ने एक वीडियो संदेश में कहा कि भारतीयों ने हमेशा नए विचारों का स्वागत किया है और उन्हें संरक्षण दिया है तथा देश की समृद्ध विविधता का जश्न मनाया है।
उन्होंने कहा, ”भारत की संस्कृति हो या समाज संरचना, भारत का आध्यात्म हो या उसके आदर्श, भारत का दर्शन हो या दृष्टि, हमने हमेशा जोड़ने, अपनाने और अंगीकार करने वाली परम्पराओं को पोषित किया है। हमने नए विचारों का स्वागत किया है, उन्हें संरक्षण दिया है। हमने विविधताओं को समृद्ध किया है, उनका जश्न मनाया है।” देशवासियों को योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए मोदी ने कहा कि योग का प्रसार भारत के विचार का विस्तार है, जो पूरे संसार को एक परिवार के रूप में समाहित करता है।
उन्होंने कहा, ”योग के विस्तार का अर्थ है- ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना का विस्तार। इसलिए इस वर्ष भारत की अध्यक्षता में हो रहे जी-20 सम्मेलन का विषय भी एक पृथ्वी, एक परिवार एक भविष्य है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि योग एक ऐसे स्वस्थ और सामर्थ्यशाली समाज का निर्माण करता है, जिसकी सामूहिक ऊर्जा कई गुना ज्यादा होती है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्वच्छ भारत जैसे संकल्पों से लेकर ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसे अभियानों तक, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण से लेकर सांस्कृतिक भारत के पुनर्निर्माण तक, देश तथा देश के युवाओं में जो असाधारण गति दिखी है, उसमें इस ऊर्जा का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा, ”आज देश का मन बदला है, इसीलिए जन तथा जीवन बदला है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ” योग हमारी अन्तः दृष्टि को विस्तार देता है, उस चेतना से जोड़ता है जो जीव मात्र की एकता का अहसास कराता है और प्राणी मात्र से प्रेम का आधार देता है। इसलिए, हमें योग के जरिए हमारे अंतर्विरोधों को खत्म करना है। हमें योग के जरिए हमारे गतिरोधों और प्रतिरोधों को खत्म करना है। हमें ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को विश्व के सामने एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करना है।”
उन्होंने कहा कि हर वर्ष योग दिवस के अवसर पर वह किसी न किसी आयोजन में आमजन के बीच उपस्थित रहते हैं लेकिन इस बार अमेरिकी यात्रा पर वह ऐसा नहीं कर सकें। उन्होंने कहा कि बुधवार शाम वह संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में योग दिवस समारोह में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के आह्वान पर योग के लिए दुनिया के 180 से ज्यादा देशों का एक साथ आना ऐतिहासिक व अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में योग दिवस का प्रस्ताव आया था तो रिकॉर्ड देशों ने इसे समर्थन दिया था। उन्होंने कहा, ”तब से लेकर आज तक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के जरिए योग एक वैश्विक आंदोलन बन गया है, वैश्विक भावना बन गया है।”