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नई दिल्ली:
Iran Strike on Pakistan: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के बुरे दिन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. दुनिया भर में आतंकवादियों का सबसे बड़ा गढ़ बन गया है पाकिस्तान. यहां भारत के बाद अब ईरान ने हवाई हमले किया है. ईरान की मिसाइलों और ड्रोन ने मंगलवार को पाकिस्तान के बलूचिस्तान के में आंतकी ठिकानों को धाराशाही कर दिया. जिसके बाद एक बार फिर ये साबित हो गया है दुनिया में आंतकवाद को बढ़ावा देने वाला देश पाकिस्तान है. ईरान ये हमला जैश अल अदम के सेंटर पर किया है. ईरान के इस हवाई हमले के बाद मानो पाकिस्तान आग बगुला हो गया है.
पाकिस्तान ने लगाए गंभीर आरोप
पाकिस्तान ने ईरान के इस कार्रवाई की घोर निंदा की है. उसने इसे हवाई सीमा का आक्रमण माना है. इसके साथ ही आरोप लगाया है कि ईरान के हवाई हमले में दो बच्चों की मौत हो गई है. वहीं तीन लड़कियां भी घायल है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस हमले पर आपत्ति दर्ज की है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस हमले को गैर कानूनी करार दिया है. इसके साथ ही धमकी भरे अंदाज में गंभीर परिणाम भुगतने की बात की. इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने ईरानी राजनयिक को तलब किया है.
ईरान की ओर से ये हमला उस वक्त किया गया जब पाकिस्तान के कार्यवाहक पीएम अनवर उल हक दावोस में ईरान के विदेश मंत्री से मुलाकात कर रहे थे. इससे पहले ईरान ने सीरिया और इराक पर हवाई हमले किए हैं. पाकिस्तान तीसरा देश है जहां ईरान ने हवाई हमला किया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ये हमला ईरान की सीमा के पास पंजगुर शहर में किया है. कहा जा रहा है कि ये इस हमले में सीमा के 50 किलोमीटर अंदर एक मस्जिद क्षतिग्रस्त हो गई.
2013 से है ये ग्रुप एक्टिव
मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस हमले के निशाने पर जैश अल अदल ग्रुप है. इसका अर्थ है न्याय की सेना. ये बलूचिस्तान बेस्ड एक सुन्नी आंतकी संगठन है. ये ग्रुप पाकिस्तान और ईरान की सीमा पर एक्टिव है. ये संगठन पाकिस्तान और ईरान से लगे सीमा के पर अलग देश की मांग कर रहा है. जैश अल-अदल ने साल 2013 से ही ईरानी सीमा सैनिको पर हमला कर रहा है. कई बार तो वो बमबारी और ईरानी सैनिको को किडनैंप कर लेता है.
11 ईरानी सैनिकों की मौत
ताजा मामला ये है कि दिसंबर में इस आतंकी सगंठन ने ईरानी सीमा के पास बलूचिस्तान के रस्क शहर के एक पुलिस स्टेशन पर अटैक कर दिया था. इस हमले में 11 ईरानी पुलिस के जवान मारे गए थे. कहा जाता है इस संगठन की उपस्थिति पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान तक है. इस मामले पर अमेरिका की खुफिया एजेंसी का कहना है कि ये जुनदल्लाह का ही दूसरा रूप है. इसे अमेरिका भी आतंकी संगठन मानता है.
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