गाजा पट्टी से दागे गए रॉकेट
इजरायलपुलिस की ओर से मस्जिद परिसर में की गई कार्रवाई से पिछले सप्ताह विवादित धार्मिक स्थल के पास तनाव गहरा गया। कई मौकों पर फलस्तीनी लोग अल-अक्सा मस्जिद को अंदर से बंद कर देते हैं। फलस्तीनी वहां रात भर नमाज अदा करने के अधिकार की मांग करते हैं। इजरायलने पूर्व में रमजान के महीने के आखिरी 10 दिन के दौरान ही फलस्तीनियों को जाने की अनुमति दी थी। पुलिस ने वहां एकत्र कई लोगों को बलपूर्वक हटा दिया, सैकड़ों लोगों को हिरासत में ले लिया। झड़प में दर्जनों घायल हो गए। धार्मिक स्थल पर हिंसा के कारण फलस्तीनी उग्रवादियों ने बुधवार से गाजा पट्टी और दक्षिणी लेबनान से रॉकेट दागे।
इजरायल ने किया हमला
इजरायलकी सेना ने दोनों क्षेत्रों पर हवाई हमले किए। इस बीच, पहले हमले में एक रॉकेट गोलन हाइट्स के एक मैदान में गिरा। जॉर्डन की सेना ने बताया कि एक और नष्ट मिसाइल के टुकड़े सीरिया सीमा के पास जॉर्डन के इलाके में गिरे। जबकि, इजरायलकी सेना ने कहा कि उसने इजरायलके सीमा क्षेत्र में एक मिसाइल को गिरा दिया और दूसरा एक खुले क्षेत्र में गिर गया। इजरायलने सीरिया में उस क्षेत्र में गोलाबारी की जहां से रॉकेट दागे गए थे। बाद में, सेना ने कहा कि इजरायलके लड़ाकू विमानों ने सीरिया के चौथे डिवीजन के एक परिसर सहित सीरियाई सेना के ठिकानों पर हमला किया।
तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने शनिवार देर रात इजरायलके अपने समकक्ष इसाक हर्जोग के साथ फोन पर हिंसा के संबंध में चर्चा की। उन्होंने हर्जोग से कहा कि मुस्लिम अल-अक्सा मस्जिद के खिलाफ ‘‘उकसावे और धमकियों’’ के बारे में चुप नहीं रह सकते हैं। इस साल, इजरायलके हमले में 90 से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए हैं जिनमें से आधे से ज्यादा उग्रवादी समूहों से जुड़े थे। वहीं, इजरायलपर फलस्तीन के हमले में 10 लोग मारे गए थे।