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आईआईटी में प्रवेश लेने के बाद क्या दूसरे साल ब्रांच बदला जा सकता है। इसके जवाब में निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि मेधावियों को जरूर मौका मिलता है। इसके लिए सीटें रिक्त होना जरूरी है। अगर सीट खाली है तो छात्र की एक अप्लीकेशन और पहले वर्ष के उसके सीपीआई और शैक्षणिक रिकार्ड के आधार पर उन्हें ब्रांच बदलने का मौका दिया जाता है। निदेशक ने कई सवालों के जवाब दिए।
आईआईटी कानपुर में मंगलवार को आयोजित ओपन हाउस में जेईई एडवांस्ड में उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं ने हाइब्रिड माध्यम से हिस्सा लिया। कई छात्र, जो आईआईटी कानपुर में दाखिला लेना चाहते हैं, वे अपने परिवार के साथ पहुंचे। उन्होंने पूरा कैम्पस भ्रमण किया और सुविधाएं व व्यवस्था की जानकारी ली। फैकल्टी से भी बात की। शाम चार बजे हाइब्रेड माध्यम से इंटरेक्शन सेशन हुआ। इसमें छात्र-छात्राओं को बताया गया कि वह बीटेक के साथ इकोनॉमिक्स, सोशल साइंस, ह्युमिनिटीज, मैनेजमेंट की भी पढ़ाई कर सकते हैं।
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निदेशक प्रो. करंदीकर ने बताया कि अगर छात्र ब्रांच नहीं बदल सकता तो वह मुख्य ब्रांच के साथ दो अलग ब्रांच में मेजर कोर्स कर सकता है। छात्रों ने पूछा कि कौन सी ब्रांच लें, जिसका भविष्य उज्जवल हो।